Madhya Pradesh Weather Update: मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. एक जून से अभी तक प्रदेश में सामान्य से 22% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है. पूर्वी मध्य प्रदेश में 19% अधिक बारिश हुई है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 26% अधिक बारिश अभी तक बारिश दर्ज की जा चुकी है. मौसम विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यदि सामान्य बारिश के आंकड़े की बात की जाए तो वह 507 मिमी होती है, लेकिन अभी तक एमपी में 621 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है.
मध्य प्रदेश में अभी भी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है, यदि पूर्वी मध्य प्रदेश की बात की जाए तो यहां पर अभी तक 660 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि यह सामान्य से 19% अधिक है. इसी तरह पश्चिम मध्य प्रदेश में 590 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि यहां 469 मिलीमीटर का आंकड़ा औसत है. इस प्रकार पश्चिम मध्य प्रदेश में 26 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है.
पूर्वी मध्य प्रदेश के बालाघाट में एक जून 2024 से अभी तक सामान्य से चार प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि रीवा में 36% कम बारिश हुई है. इसी तरह सतना में 1% कम बारिश दर्ज की गई है. वहीं बाकी सभी जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई है. इसी तरह पश्चिम में मध्य प्रदेश की बात की जाए तो यहां पर झाबुआ में सामान्य से 11% कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि हरदा में 9%, दतिया में 14%, धार में 1% और उज्जैन में सामान्य से 1% कम बारिश हुई है.
कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश?
पूर्वी मध्य प्रदेश में एक जून 2024 अभी तक अधिक बारिश वाले जिलों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बारिश निवाड़ी जिले में दर्ज की गई है. यहां सामान्य से 60% अधिक बारिश हुई है. इसके अलावा सिवनी में 52%, छिंदवाड़ा में 42%, कटनी में 36%, मंडला में 42%, सिंगरौली में 30% अधिक बारिश दर्ज की गई है. इसी तरह सागर में 27%, उमरिया में 23%, जबलपुर में सामान्य से 20% अधिक बारिश हुई है.
इसी प्रकार पश्चिम मध्य प्रदेश के राजगढ़ में सामान्य से 65% अधिक वर्षा दर्ज की गई है. इसके अलावा श्योपुर में 79% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामान्य से 59%, नीमच में 55%, शिवपुरी में 36%, सीहोर में 33%, खरगोन में 28% अधिक बारिश दर्ज की गई है. इसी प्रकार नर्मदा पुरम में 29, अशोक नगर और बड़वानी में 26, आगर मालवा में 39, ग्वालियर में 33, विदिशा में सामान्य से 35% अधिक बारिश हुई है.
यह भी पढ़ें: आखिर कब बंद होंगे मौत के कुएं? खुले बोरवेल बंद कराने में प्रशासन भी नाकाम, कोई ठोस कदम नहीं