Mahakal Lok: महाकाल लोक को लेकर अभी भी कांग्रेस के नेताओं के बयान लगातार सामने आ रहा है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह महाकाल लोक में अस्सी परसेंट का भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भी तीखा हमला बोल रहे हैं. उल्लेखनीय है कि 28 मई को उज्जैन के महाकाल लोक में सप्त ऋषि की 6 मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई थी. आंधी तूफान के बाद मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई जिन्हें पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है. उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम के मुताबिक 2 महीने के भीतर मूर्तियों को फिर लगा दिया जाएगा. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले में 80% के कमीशन का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में 40 परसेंट वाली सरकार थी जो चली गई अब मध्य प्रदेश की बारी है. यहां पर 80% कमीशन लिया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पत्थर की मूर्ति का पैसा लिया गया जबकि फाइबर की मूर्तियां लगा दी गई. दिग्विजय सिंह लगातार महाकाल लोक को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पूरे मामले में लोकायुक्त भी सवालों के घेरे में है. लोकायुक्त ने भी पूरे मामले में तेजी से जांच नहीं की.
विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाना चाहती है कांग्रेस
महाकाल लोग में हुई मूर्तियां क्षतिग्रस्त के मामले में कांग्रेस लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाकर पूरे मामले को घर में रखना चाहती है. चुनावी साल होने की वजह से कांग्रेस के बड़े नेता प्रत्येक सम्मेलन में महाकाल लोक में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए निशाने साध रहे हैं. दूसरी तरफ नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि तेज आंधी तूफान की वजह से यह घटना घटित हुई है. उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस के कार्यकाल में ही वर्क आर्डर दिए गए थे. इसके अलावा पहला भुगतान भी कांग्रेस की सरकार में हुआ था. कांग्रेस को पूरे मामले में आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है.
अभी भी फाइबर की बनाई जा रही है मूर्तियां
महाकाल लोक में लगी फाइबर की और भी मूर्तियां कहीं कहीं से क्षतिग्रस्त होने की खबर है. बावजूद इसके अभी भी फाइबर की मूर्तियां ही बन रही है. दरअसल महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के दूसरे चरण में भी कुछ मूर्तियां लगना है. उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक फाइबर की 105 मूर्तियां 6 दिन के भुगतान के रूप में लगभग 7 करोड़ से ज्यादा की राशि ठेकेदार को दी गई है. 5 साल तक यदि मूर्तियां क्षतिग्रस्त होती है तो ठेकेदार उसे पुनः बना कर देगा.