MP News: मध्य प्रदेश में सरकार मंदिरों में विशेष पूजा पाठ, भजन कीर्तन, प्रभात फेरी, नर्मदा नदी के किनारे घाटों पर विशेष आरती और दीपदान का आयोजन कराने की तैयारी कर रही हैं. दअरसल, उज्जैन में बने महाकाल लोक के उद्घाटन को लेकर पूरे प्रदेश में उत्सव जैसा माहौल बनाने के लिए किया जा रहा है. जिसके तहत अब सरकारी तंत्र से पूजा पाठ जैसे कार्य को भी सरकारी आदेश के अंतर्गत कराए जाने को लेकर प्रशासनिक आदेश जारी किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक आदेश रायसेन जिले के कलेक्टर अरविंद दुबे ने भी जिले में जारी किया है. जिसके तहत 10 और 11 अक्टूबर को जिले के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना, जिसमें संकीर्तन, भजन गायन, लाइट सज्जा, विशेष आरती एवं पवित्र नदियों में दीप दान का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. इसके लिये बाकायदा तहसीलदार , जिला पंचायत जनपद के अधिकारियों के साथ पंचायत सचिव एवं नगरीय निकायों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. और उन्हें उक्त आयोजन के लिए उनके कार्यक्षेत्र में जिम्मेदारी सौंपी गई है.
क्या क्या है कलेक्टर अरविंद दुबे ने?
उज्जैन कलेक्टर अरविंद दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में "श्री महाकाल लोक" ( महाकाल मंदिर कॉरिडोर) का लोकार्पण कार्यक्रम दिनांक 11 अक्टूबर, 2022 को सांय 06.00 बजे किया जाना प्रस्तावित है. इस अवसर पर रायसेन जिले के विभिन्न मंदिरों में निम्नलिखित कार्य और कार्यक्रम आगजन श्रद्धालुओं, पुजारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से किया जाना है. इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन होंगे. नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत नोडल एजेन्सी रहेंगी. समस्त विकास खंडों और नगरीय निकायों में कमशः मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका और नगर परिषद प्रभारी रहेंगे. अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) संबंधित तहसीलदार के माध्यम से पर्यवेक्षण और समन्वय करेंगे.
कलेक्टर ने दिए ये निर्देश
11 तारीख के पूर्व सभी मंदिरों के आस पास विशेष स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित कर साफ-सफाई करवाई जाएं .
• प्रधानमंत्री के उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम की जन जागरूकता के लिए 10 और 11 अक्टूबर को भजन गाते हुए प्रभात फेरियां निकाली जाएगी .
• मंदिरों में जन सहयोग से दिनांक 11 अक्टूबर को विशेष पूजा अर्चना, जिसमें संकीर्तन, भजन गायन,आरती इत्यादि का विशेष आयोजन किया जा सकता है.
• आयोजन के बाद जन सहयोग से प्रसादी इत्यादि का वितरण भी किया जाना चाहिए. यह ध्यान रखना है कि प्रधानमंत्री के उज्जैन में कार्यक्रम प्रारंभ होने से पहले यह गतिविधियां पूर्ण कर ली जाएं. मंदिरों को अच्छी तरह से सजाया जाना है. मंदिरों में जन सहयोग से दीपकों, लाइट से सजावट इत्यादि की व्यवस्था की जानी चाहिए. हर गांव में कम से कम एक या दो जगह प्रधानमंत्री के उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
• जिले के बड़े ख्याति प्राप्त मंदिरों को सूचीबद्ध करके उनमें जन सहयोग से विशेष आयोजन कराये जाने हैं.
• नर्मदा के किनारे के घाटों पर स्थित मंदिरों में और नर्मदा जी के घाटों में दीपदान और सामुहिक नर्मदा आरती का आयोजन जन सहयोग से किया जा सकता है.
• तहसीलदार मंदिरों के पुजारियों की एक साथ बैठक कर उन्हें इस कार्यक्रम से अवगत कराकर, कार्यक्रम की रूपरेखा बताया जाना है और उनसे सुझाव लेने हैं और इस कार्यक्रम में उनकी भूमिका से उन्हें अवगत करवाया जाना है.
• इस कार्यक्रम का जन सामान्य के बीच स्थानीय स्तर के प्रचार माध्यमों से पर्याप्त प्रचार प्रसार सुनिश्चित किया जाना है.
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