Madhya Pradesh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मध्य प्रदेश में उज्जैन (Ujjain) के महाकाल के दरबार में षोडश उपचार पूजा करने जा रहे हैं. इस पूजा के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न कर मनवांछित फल की प्राप्ति की जा सकती है. जब महाकाल (Mahakaleshwar Temple Ujjain) के दरबार में पंचामृत पूजन बंद हो जाती है तो षोडश पूजा के माध्यम से ही भगवान की आराधना की जाती है. खास बात यह है कि भगवान महाकाल का अद्भुत श्रृंगार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से होने जा रहा है. 


5:30 बजे के आसपास पहुंचेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक वे 5:30 बजे के आसपास महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple Corridor) पहुंचेंगे. महाकालेश्वर मंदिर में शाम 5 बजे के पूर्व तक ही जलाभिषेक होता है. इसके बाद जल, दूध दही, घी, शहद आदि से अभिषेक बंद हो जाता है. महाकालेश्वर मंदिर के बाला गुरु बताते हैं कि परंपराओं में किसी प्रकार का कोई फेरबदल नहीं होता है. शाम 5 बजे शासकीय पुजारी भगवान का जल अभिषेक कर श्रृंगार शुरू करते हैं. 


Mahakaleshwar Temple Corridor: महाकाल लोक ने कैसे लिया आकार, शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने देखा था सपना


पहुंचेंगे महाकाल का आशीर्वाद लेने
महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि भगवान महाकाल का मंगलवार शाम होने वाला अभिषेक मंदिर समिति के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से होने जा रहा है. प्रधानमंत्री की ओर से भगवान महाकाल का भांग, चंदन, गुलाल, सूखे मेवे से श्रृंगार किया जाएगा. इसके बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचेंगे तो वे भगवान को अभीर, चंदन, गुलाल, कंकू, चावल, वस्त्र अर्पित कर आरती करेंगे. 


शासकीय पुजारी कराएंगे PM की पूजा
महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूजन कराएंगे उनके साथ दो और सहायक पुजारी के रूप में शासकीय पुजारी मौजूद रहेंगे. महाकालेश्वर मंदिर के पंडित भूषण पुरोहित बताते हैं कि शाम को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल के दरबार में पहुंचेंगे तो उन्हें षोडश उपचार पूजा करने का लाभ मिलेगा. इसे सूखी पूजा भी कहा जाता है. भगवान को सूखी पूजन सामग्री अर्पित की जाती है. 


भगवान महाकाल के श्रृंगार की प्रक्रिया
महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि, भगवान महाकाल के शाम को होने वाले श्रृंगार के लिए 1100 रुपये की रसीद मंदिर समिति की ओर से काटी जाती है. इसके बाद भांग, चंदन, सूखे मेवे सहित अन्य श्रृंगार सामग्री भक्तों की ओर से दी जाती है. 


इन रूपों में होता है महाकाल का दर्शन
भगवान महाकाल पर्व और त्योहारों के अनुसार भक्तों को दर्शन देते हैं. वे कभी मन महेश के रूप में प्रजा को दर्शन देते हैं तो कभी उमामहेश, चंद्रमौलेश्वर तो कभी भगवान श्री गणेश का रूप धारण कर लेते हैं. जब भगवान निराकार रूप से साकार रूप में आते हैं तो वे अलग-अलग रूप धारण कर भक्तों का मन मोह लेते हैं. मंगलवार को भगवान श्री महाकाल मन महेश के सौम्य रूप में नजर आ सकते हैं.


Mahakal Lok Inauguration Live: महाकाल लोक का उद्घाटन आज, 856 करोड़ रुपये की लागत से बना 900 मीटर लंबा कॉरिडोर