Mahakal Lok Damage: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को राज्य के उज्जैन शहर में 'श्री महाकाल लोक गलियारा' परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और वहां किए गए 'घटिया कार्य' की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की. उल्लेखनीय है कि 'श्री महाकाल लोक' गलियारे की 6 प्रतिमाएं रविवार दोपहर आई तेज आंधी के कारण गिरकर टूट गई थीं. ये टूटी प्रतिमाएं वहां स्थापित किये गये सप्त ऋषियों में से छह की हैं जो करीब 11 फुट ऊंची थीं. इसके बाद कांग्रेस ने यह मांग की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को 900 मीटर लंबे 'श्री महाकाल लोक' गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था. कुल 856 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में श्री महाकाल लोक को 351 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.
'जज को सभी दस्तावेज सौंपेंगे'- सज्जन सिंह वर्मा
कांग्रेस नेता शोभा ओझा और पूर्व मंत्री एवं विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने मूर्तियां गिरकर टूटने के बाद 'श्री महाकाल लोक' गलियारे का दौरा करने के बाद बुधवार को भोपाल में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से श्री महाकाल लोक गलियारे के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार और घटिया काम की जांच कराई जाए. हम न्यायाधीश को सभी सबूत और दस्तावेज सौंपेंगे.'
प्रतिमाओं की कीमत 80 प्रतिशत बढ़ाने का आरोप
वहीं, शोभा ओझा ने बताया कि कांग्रेस के एक दल ने मंगलवार को विशेषज्ञों और मूर्तिकारों के साथ श्री महाकाल लोक गलियारे का दौरा किया. प्रदेश की बीजेपी सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा उन्होंने कहा, 'विशेषज्ञों ने कहा है कि मूर्तियों की कीमत लगभग 80 प्रतिशत बढ़ा दी गई थी.'
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और घटिया काम होने के कारण हल्की आंधी के दौरान ही मूर्तियां गिर गईं. कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि मूर्तियों के निर्माण और महाकाल लोक गलियारे में चीनी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने ट्वीट किया, 'महाकाल लोक में खंडित मूर्तियों को स्थापित नहीं किया जाएगा. वहां नई मूर्तियां लगेंगी. मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) ने इसके निर्देश भी दे दिए हैं.'
उन्होंने कहा, 'धर्म कांग्रेस के लिए आस्था का नहीं, बल्कि चुनावी इवेंट है. जब चुनाव आते हैं, तो कांग्रेस धर्म के नाम पर राजनीति की गंदी कोशिश करती है.'
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