Mahakal Mandir Fire: महाकाल मंदिर अग्निकांड में झुलसे सेवक की मौत, 45 वर्षों से दे रहे थे बाबा के दरबार में सेवा
Ujjain Mahakal Mandir Fire: महाकाल मंदिर परिसर में लगी आग की घटना की जांच के आदेश दिए गए थे. इस बीच हादसे में गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग सेवक की इलाज के दौरान मौत हो गई.
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Mahakal Fire Accident: मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshar Mandir) में होली पर्व पर हुए अग्निकांड में झुलसे एक सेवक की मुंबई में इलाज के दौरान मौत हो गई. वे पिछले 45 वर्षों से लगातार भगवान महाकाल (Mahakal) के दरबार में होने वाली भस्म आरती में अपनी सेवाएं दे रहे थे. अग्निकांड के दौरान हुए गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उनका इंदौर में इलाज चला. बाद में गहन उपचार के लिए उन्हें मुंबई रेफर कर दिया गया था.
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 25 मार्च की सुबह भस्म आरती में बड़ा हादसा हुआ था. मंदिर में आगजनी की घटना में 14 लोग घायल हो गए थे. इनमें से तीन महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी थे. इसके अलावा वे सेवक भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे जो प्रतिदिन भस्म आरती में अपनी सेवाएं देने के लिए आते थे. इन्हीं में लखेरवाडी में रहने वाले वृद्ध सेवक सत्यनारायण सोनी शामिल थे.
बाकी घायल अब खतरे से बाहर
महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु ने बताया कि सेवक सत्यनारायण सोनी का मुंबई में इलाज के दौरान निधन हो गया है. इस अग्निकांड में सबसे ज्यादा सत्यनारायण सोनी ही झुलसे थे. उन्हें पहले इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में हालत गंभीर होने पर इंदौर रेफर किया गया था. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि शेष सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है.
वृद्धावस्था के कारण नहीं हो पाई रिकवरी
भगवान महाकाल के भक्त और सेवक सत्यनारायण सोनी से जुड़े लोगों का कहना है कि वह वृद्धावस्था के कारण आगजनी की घटना के बाद रिकवरी नहीं कर पाए, जबकि उनके साथ जो लोग झुलस थे वह रिकवरी करने के बाद स्वस्थ हैं. बताया जाता है कि प्रतिदिन सत्यनारायण सोनी समय पर मंदिर पहुंच जात जाते थे. वे भस्म आरती के दौरान होने वाले पंचामृत पूजन में पंडित और पुरोहितों का हाथ बटांते थे. भस्म आरती में पंडित और पुजारी के अलावा आधा दर्जन से ज्यादा सेवक भी मौजूद रहते हैं.
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