Ujjain News: यह बात कम ही शिव भक्तों को पता है कि श्रावण मास के सोमवार भगवान महाकाल निराहार रहते हैं. उन्हें 3 आरतियों में अन्न का भोग नहीं लगाया जाता है. इसी वजह से श्रद्धालु भी सोमवार को उपवास रखते हैं. इस बार सावन के तीसरे सोमवार भगवान महाकाल के शिव तांडव स्वरूप के दर्शन होने वाले हैं.
महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि सावन मास के सभी सोमवार भगवान महाकाल को भस्म आरती प्रातः कालीन आरती और भोग आरती में अन्न का भोग नहीं लगाया जाता है. शेष सभी दिनों में इन तीनों आरतियों में भगवान को अन्न का भोग भी लगता है. उन्होंने बताया कि भस्मारती में कई बार नमकीन, सेव, पपड़ी और कई प्रकार के भोग भी लग जाते हैं.
इसी तरह प्रातः कालीन आरती में भी भगवान को अन्न का भोग लग जाता है, जबकि भोग आरती में भगवान महाकाल को दाल, चावल, रोटी, सब्जी आदि का भोग लगता है. श्रावण मास के सोमवार इन तीनों आरतियों में भगवान महाकाल को अन्य का भोग नहीं लगाया जाता है, जबकि भगवान महाकाल की सवारी पूरे शहर में भ्रमण करने के बाद मंदिर पहुंचती है तो संध्या कालीन आरती में भगवान को अन्न का भोग लगता है. इस प्रकार भगवान महाकाल सोमवार को संध्या कालीन आरती तक निराहार रहते हैं. इस प्रकार की परंपरा केवल द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल महाकालेश्वर मंदिर में ही निभाई जाती है.
शिव तांडव रूप का भक्त करेंगे अभिवादन
भगवान महाकाल मन महेश चंद्रमौलेश्वर के रूप में प्रजा को दर्शन दे चुके हैं. सावन मास के तीसरे सोमवार भगवान महाकाल शिव तांडव रूप में प्रजा को दर्शन देने के लिए निकलेंगे. पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि जब भगवान प्रसन्न मुद्रा में शिव तांडव करते हैं तो भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. सावन मास के तीसरे सोमवार भगवान महाकाल शिव तांडव रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे. भगवान महाकाल हर सवारी में अलग-अलग रूपों में प्रजा को दर्शन देते हैं.
शिव भक्तों में अपार उत्साह, भीड़ उमड़ी
भगवान शिव के साथ-साथ शिव भक्तों को भी सावन का महीना काफी प्रिय होता है. सावन मास के तीसरे सोमवार शिव भक्तों का सैलाब उमड़ेगा. शनिवार से ही उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ में काफी बढ़ोतरी हुई है महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक 2,00,000 से ज्यादा श्रद्धालु शनिवार को दर्शन कर चुके हैं. इसके अलावा रविवार को भी यह आंकड़ा दो लाख के आसपास पहुंच जाएगा. सावन के दूसरे सोमवार महाकालेश्वर मंदिर में 2,70,000 श्रद्धालु पहुंचे थे, इस बार भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है.