हर साल 50 करोड़ से ज्यादा के लड्डू बेचती है महाकालेश्वर मंदिर समिति, कलेक्टर की रहती है निगरानी
Ujjain News: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 50 करोड़ रुपये का प्रसाद बेचा जाता है, जिनमें मुख्य रूप से बेसन के लड्डू होते हैं. 40 क्विंटल से अधिक लड्डू हर दिन बनाए जाते हैं.
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Mahakaleshwar News:: उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर शायद मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी समिति द्वारा हर साल 50 करोड़ का प्रसाद श्रद्धालुओं को बेचा जाता है. महाकालेश्वर मंदिर समिति लड्डुओं के प्रसाद को लेकर काफी गंभीर है. कलेक्टर की निगरानी में मंदिर में लड्डू की बिक्री के साथ-साथ बनाने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जाती है.
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर समिति श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में बेसन के लड्डू को विक्रय करती है. यह बेसन के लड्डू चिंतामण गणेश मंदिर के पीछे मंदिर समिति के परिसर में बनाए जात जाते हैं. लड्डू निर्माण में लगे प्रभारी कमलेश सिसोदिया ने बताया कि प्रतिदिन 40 क्विंटल से ज्यादा लड्डुओं को बनाया जाता है, जबकि सावन और भादो में डिमांड अधिक बढ़ जाने पर और भी अधिक लड्डू बनाए जाते हैं.
लड्डुओं की पैकिंग कर पहुंचाया जाता है मंदिर
उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर समिति की ओर से 30 कारीगरों द्वारा लड्डुओं का निर्माण किया जाता है, जबकि 30 कर्मचारियों द्वारा लड्डुओं की पैकिंग कर उसे मंदिर पहुंचाया जाता है. मंदिर समिति के मुताबिक हर साल 50 करोड़ से ज्यादा लड्डुओं का प्रसाद विक्रय होता है. मंदिर समिति लड्डुओं का एक एटीएम लगाने पर भी विचार कर रही है जिसमें राशि डालने पर लड्डू का पैकेट तुरंत बाहर आ जाएगा. इससे मानव श्रम भी बचेगा और श्रद्धालुओं का अधिक सुविधा मिल सकेगी.
कलेक्टर की निगरानी में होती है पूरी प्रक्रिया
महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष के रूप में पदेन कलेक्टर होते हैं. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने एबीपी न्यूज़ से चर्चा के दौरान कहा कि मंदिर का प्रसाद बड़ी ही शुद्धता और स्वच्छता के बीच निर्माण किया जाता है. इसमें प्रतिदिन आने वाले कच्चे सामान की भी मॉनिटरिंग की जाती है. मंदिर समिति द्वारा निर्माण किए जाने वाले लड्डू को लेकर एक फूड इंस्पेक्टर की सतह ड्यूटी लगाई गई है जो लगातार चेकिंग करते हैं.
महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू में लगता है यह कच्चा माल
महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा निर्माण किए जाने वाले लड्डुओं में बेसन, रवा, सांची का शुद्ध घी, काजू, इलायची, शक्कर का बुरा मिलाया जाता है. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक सांची के आने वाले घी की भी शुद्धता की प्रतिदिन रिपोर्ट ली जाती है. शुद्धता की रिपोर्ट के साथ ही सांची का घी निर्माण के परिसर में लाया जाता है. इसका पूरा रिकॉर्ड महाकालेश्वर मंदिर समिति रखती है.
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