Hijab Row Ujjain: हिजाब विवाद पर महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती ने दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा
महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती आचार्य शेखर ने हिजाब विवाद पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने हिजाब पर प्रतिबंध लगाकर सभी को समान रुप से ड्रेस कोड का पालन करने की मांग उठाई है.
Ujjain News: हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानों के बाद अब साधु संत भी खुले रुप से मैदान में आ गए हैं. महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती आचार्य शेखर ने पूरे मामले को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने हिजाब पर प्रतिबंध लगाकर सभी को समान रुप से ड्रेस कोड का पालन करने की मांग उठाई है. अप्रैल माह में होने वाली धर्म सभा में भी इस मांग को उठाने जा रहे हैं.
एक समान ड्रेस कोड का हो पालन
महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती ने हिजाब के मामले में स्पष्ट रूप से कहा है कि देश में शिक्षा के मंदिर में सभी को एक समान ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए. यदि किसी विशेष वर्ग को सरकार की तरफ से अलग प्रकार का नियम पालन करने की बात कही जाती है तो फिर सनातन धर्म के रक्षक भी अपनी ओर से सरकार के समक्ष मांग उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि हिजाब के मामले में स्पष्ट रवैया नहीं अपनाया गया तो आने वाले समय में नागा साधुओं और दिगंबर साधुओं को महाविद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए आवेदन करवाएंगे. महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने बताया कि अप्रैल माह में धर्म सभा भी आयोजित हो रही है. इस सभा में भी साधु संतों के मध्य इस मामले को प्रमुखता से उठाया जाएगा.
सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार
उन्होंने बताया कि सभी को अपने धर्म का पालन करने का पूरा अधिकार है लेकिन शिक्षा ग्रहण के दौरान सभी को एक ही प्रकार के नियम का पालन करना चाहिए. यदि किसी व्यक्ति के लिए अलग नियम या कानून बनाया जाता है और उसके ड्रेस कोड को अलग रखा जाता है तो यह सर्वथा गलत है. आचार्य शेखर ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी बात उठाई है. उनका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इससे स्पष्ट है कि अभी हिजाब का विवाद आने वाले दिनों में शांत होता नजर नहीं आ रहा है.
उज्जैन में छात्राओं ने जताई थी खुशी
स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार जब अपने बयान से पलटे से तो उज्जैन में हिजाब का समर्थन करने वाली छात्राओं ने खुशी जाहिर की थी. उज्जैन की तबस्सुम नामक छात्रा ने कहा कि सरकार ने जो बयान पलटा है उससे उन्हें राहत पहुंची है. वर्तमान परिस्थिति में कई ऐसे अभिभावक है जो बिना हिजाब के छात्राओं का विद्यालय तक बंद करवा सकते थे, इसलिए सरकार का फैसला स्वागत योग्य है. इसके बाद अब महामंडलेश्वर ने अपनी ओर से आपत्ति दर्ज करवा दी है.
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