Ujjain News: सभी विवाह समारोह में लोग वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं, लेकिन भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में जब भोलेनाथ दूल्हा बनते हैं तो लोग आशीर्वाद देने नहीं बल्कि उनका लेने पहुंचते हैं. इन भक्तों की संख्या लाखों में रहती है. शिव नवरात्रि आरंभ हो गई और भगवान महाकाल के दूल्हे स्वरूप के दर्शन अब रोज होने वाले हैं.


दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga Mandir) के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि शिव नवरात्रि महोत्सव शुरू हो गया है. देशभर में माता की नवरात्रि मनाई जाती है मगर भगवान महाकाल के दरबार में शिव जी की नवरात्रि होती है. शुक्रवार को भगवान महाकालेश्वर, कोटेश्वर और रामेश्वर का पूजन अर्चन करते हुए शिव नवरात्रि की औपचारिक शुरुआत हो गई. यह पर्व महा शिवरात्रि के एक दिन बाद तक चलेगा. शिवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल को चंदन, भांग, सूखे मेवे से शृंगारित किया जाता है. इस दौरान भगवान महाकाल दूल्हे के रूप में 9 दिनों तक भक्तों को दर्शन देते हैं. भगवान महाकाल के दर्शन पाने के लिए यहां आते हैं.  ये एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव दूल्हे के रूप में भी विराजमान होते हैं. 


शिव नवरात्रि के दौरान क्या-क्या होता है बदलाव


महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि शिव नवरात्रि के दौरान मंदिर की कई परंपराओं में समय के साथ बदलाव होता है. शिव नवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल की सुबह विधि विधान से भस्म आरती होती है. इसमें भगवान को सूखे मेवे, भांग, चंदन से तैयार किया जाता है. भगवान को जलाधारी पर हल्दी भी लगाई जाती है. उन्होंने बताया कि मंदिर में सुबह 10:30 बजे होने वाली आरती दोपहर में 12:30 बजे की जाती है. इसके अलावा दोपहर 3 बजे से गर्भ गृह में प्रवेश बंद हो जाता है. शिव नवरात्रि महोत्सव के दौरान महाशिवरात्रि के अगले दिन दोपहर में भस्म आरती होती है.


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