Shiv Navratri 2023: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान भगवान महाकाल का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार करने के लिए दूर-दूर से सामग्रियां मंगाई जा रही है. भगवान महाकाल उमा महेश, घटाटोप, चंदन श्रृंगार के रूप में दर्शन दे चुके हैं. अभी मन महेश, शिव तांडव, छबीना रूप के दर्शन होना बाकी है. 


एक महीने पहले से शुरू हो जाती हैं तैयारियां


उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि महोत्सव को लेकर पंडित और पुरोहितों द्वारा 1 महीने पहले से तैयारियां की जाती है. महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी बताते हैं कि भगवान महाकाल का श्रृंगार करने के लिए दूर-दूर से सामग्रियां मंगाई जाती है. भगवान को इत्र, भांग, सूखे मेवे, सुगंधित फूल और प्राकृतिक रंगों से सजाया जाता है. शिव नवरात्रि महोत्सव को लेकर मंदिर में काफी उत्साह रहता है.


यह पर्व महाशिवरात्रि के अगले दिन तक लगातार चलेगा. महाकालेश्वर मंदिर के भूषण गुरु ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों की मंदिर में काफी भीड़ उमड़ती है. शिव भक्त शिव नवरात्रि के दौरान ही भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच जाते हैं. शिव नवरात्रि के दौरान भगवान के दर्शन का फल महाशिवरात्रि से कम नहीं होता है. शिव नवरात्रि पर्व के दौरान दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान महाकाल के अलग-अलग रूपों के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.


भगवान शिव को हल्दी और मां पार्वती को मेहंदी अर्पित


भगवान महाकाल को शिव नवरात्रि के दौरान चंदन और भांग के साथ जलाधारी पर हल्दी भी अर्पित की जाती है. इसके अलावा मंदिर परिसर में स्थित माता पार्वती को मेहंदी लगाई जाती है. इस परंपरा को कई दशकों से निभाई जा रहा है. महाशिवरात्रि पर्व के दौरान शिव भक्तों द्वारा मंदिर परिसर में अलग-अलग भजनों के जरिए भी भगवान महाकाल की स्तुति की जाती है. 


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