MP News: उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. 29 फरवरी से 9 मार्च तक चलने वाले उत्सव को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बिजली, सुरक्षा, स्वास्थ्य, पार्किंग आदि इंतजामों पर विशेष फोकस किया गया है.


महाकालेश्वर मंदिर में चलने वाले महाशिवरात्रि महोत्सव के दौरान सुबह नौ बजे से एक बजे तक भगवान महाकालेश्वर का विशेष पूजन और वस्त्र धारण कराए जाने का क्रम चलेगा. इसके बाद प्रतिदिन विशेष श्रृंगार दर्शन होंगे. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस बार पुराने अनुभवों को ध्यान में रखते हुए और भी बेहतर इंतजाम किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए देखते हुए अतिरिक्त बल लगाया जाएगा. इसके अलावा स्वास्थ्य और पार्किंग के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं.


पिछले साल जैसी ही रखी जाएगी दर्शन व्यवस्था
कलेक्टर ने बताया कि पिछले वर्ष जैसी ही दर्शन व्यवस्था रखी जाएगी. बैठक में श्रद्धालुओं की प्रवेश तथा निर्गम व्यवस्था, भस्मार्ती में श्रद्धालुओं के प्रवेश संबंधी व्यवस्था, पुजारी/पुरोहित/साधु-संतों/मीडिया कर्मियों की प्रवेश व्यवस्था, महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उज्जैन शहर में चारों ओर से आने वाले मार्गो के चयनित स्थानों पर अस्थाई रूप से वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जानी है.


मंदिर में प्रवेश के लिए इस द्वार को किया जाना है निर्धारित
इसके लिए दो दर्जन से ज्यादा स्थान का चयन किया गया है जो की महाकालेश्वर मंदिर के करीब है.  महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन की प्रस्तावित व्यवस्था में श्रद्धालु  नृसिंह घाट तिराहे पर स्थित गंगौत्री गार्डन से मंदिर में प्रवेश हेतु द्वार निर्धारित किया जाना है. आगंतुक समस्त श्रद्धालु उक्त द्वार से प्रवेश कर चारधाम मंदिर पानी की टंकी वाले मार्ग से त्रिवेणी संग्रहालय की ओर  त्रिवेणी संग्रहालय, नंदी मण्डपम्, महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन में प्रवेश करेंगे. 


इसके बाद फेसेलिटी सेंटर-1, नवीन टनल, कार्तिक मण्डपम् , गणेश मण्डपम् से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे. दर्शन उपरांत द्वार नंबर 10 तथा आपातकालीन निर्गम द्वार, बड़ा गणेश मंदिर, बड़ा गणेश मंदिर से दाहिनी ओर पुराने अन्नक्षेत्र से हरसिद्ध पाल के रास्ते बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे.


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