Mahashivratri 2024 Puja: महाशिवरात्रि पर 40 मिनट में होंगे महाकाल के दर्शन, 12 लाख शिव भक्तों के आने की संभावना
Ujjain Mahakaleshwar Mandir Darshan: महाशिवरात्रि को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में विशेष तैयारी की जा रही है. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की आशंका को देखते हुए 2 किमी लंबी बैरिकेडिंग की गई है.
Mahashivratri 2024 In Ujjain : महाशिवरात्रि पर्व पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को 40 मिनट में भगवान के दर्शन होंगे. मंदिर में 44 घंटे तक लगातार दर्शन व्यवस्था जारी रहेगी. इसे लेकर 1500 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. महाकालेश्वर मंदिर समिति, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर दर्शन व्यवस्था का दावा किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि 12 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे.
महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर 2 किलोमीटर लंबे बैरिकेड बनाए गए हैं. इसके अलावा शामियाने भी लगाए गए जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को धूप में ना चलना पड़े. मंदिर में दर्शन व्यवस्था को लेकर भी यह सुनिश्चित किया गया है कि 45 मिनट के भीतर श्रद्धालुओं को दर्शन हो सके. महाशिवरात्रि पर्व के दौरान महाकालेश्वर भगवान के पट दर्शन हेतु लगभग 44 घंटे तक खुले रहेंगे .
महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर में पूजा टाइमिंग
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्म आरती के लिए श्री महाकालेश्वर भगवान के मंगल पट सुबह 2:30 बजे खुलेंगे. भस्मा आरती के बाद 7:30 से 8:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्चात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा.
शाम 4 बजे होल्कर और सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन, सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान महाशिवरात्रि पर्व पर भी गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा. शाम को 7 बजे से रात 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की जायेगी.
रात्रि 11 बजे से पूरी रात से 9 मार्च सुबह 6 बजे तक भगवान महाकालेश्वर का महाअभिषेक पूजन श्रृंगार चलेगा.
भगवान को चढ़ेगा पंचामृत
महाशिवरात्रि पर्व के दौरान एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ और विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान महाकालेश्वर का अभिषेक किया जायेगा. उसके बाद भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पांच फलों के रस से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी, 21 किलो शहद, 15 किलो घी) से अभिषेक, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा.
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