Malegaon Blast Case Update: बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत में पेश नहीं होने की वजह से नया वारंट जारी किया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मामलों की विशेष अदालत की ओर से साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ दो सप्ताह के भीतर जारी किया गया यह दूसरा वारंट है. 16 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई में 13 नवंबर को पूर्व सांसद पेश नहीं हुई थीं. गैरहाजिरी के कारण कोर्ट ने एक और वारंट जारी किय है.
‘जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी’
कुछ दिन पहले साध्वी प्रज्ञा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट भी किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, "कांग्रेस का टॉर्चर सिर्फ एटीएस कस्टडी तक ही नहीं, मेरे जीवन भर के लिए मृत्युदाई कष्ट का कारण हो गए. ब्रेन में सूजन, आंखों से कम दिखना, कानों से कम सुनना. बोलने में असंतुलन स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है. जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी."
पहले भी जारी हुआ था वारंट
2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले की कार्रवाई में शामिल नहीं होने को लेकर तब भी एनआई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. कोर्ट के न्यायाधीश एके लाहोटी की तरफ से कहा गया था कि मामले में अंतिम बहस चल रही है, ऐसे में साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट में उपस्थित होना जरूरी है. लेकिन, वे कोर्ट में पेश नहीं हुईं, इसलिए उनके खिलाफ 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया है. इस वारंट को 13 नवंबर तक वापस करने का समय दिया गया था.
जमानती वारंट को लेकर पूर्व सांसद के वकील जेपी मिश्रा ने कोर्ट में कहा कि साध्वी प्रज्ञा का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इसलिए उन्हें कोर्ट की सुनवाई में छूट दी जाए. वहीं कोर्ट ने कहा कि मामले में अंतिम बहस चल रही है, ऐसे में उनका कोर्ट में पेश होना जरूरी है. 13 नंवबर की सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद फिर पेश नहीं हुईं तो उनके खिलाफ नया वारंट जारी किया गया है.
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