(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: कई विधवा और तलाकशुदा महिलाओं का बनना पड़ा 'विवाहित', 'लाडली बहना योजना' का हाल
Bhoapl News: 'लाड़ली बहना योजना' का पोर्टल विधवा-तलाकशुदा महिलाओं के आवेदन स्वीकार ही नहीं कर रहा था. उसमें केवल विवाहित-अविवाहित का ही विकल्प था. ऐसे में इन महिलाओं को कागजात में विवाहित होना पड़ा.
Ladli Behna Yojana News: मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की सरकार ने महिलाओं के लिए 'लाडली बहना योजना' (L:adli Behna Yojana) शुरू की है. इसमें योग्य महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की मदद दी जाएगी. प्रदेश में इस योजना के फार्म भरे जा चुके हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए कई तलाकशुदा और विधवा महिलाएं आधार और समग्र आईडी लेकर आवेदन करने पहुंच गईं. लेकिन पोर्टल विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के आवेदन स्वीकार ही नहीं कर रहा था. पोर्टल में केवल विवाहित और अविवाहित का ही विकल्प था.अब महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि यह एक तकनीकी खामी थी, इसे सुधारा जाएगा.
क्या है पूरा मामला
'लाडली बहना योजना' योजना का लाभ केवल विवाहित महिलाओं को ही दिया जाना है. भोपाल में तीन लाख आठ हजार 308 आवेदन मिले हैं. इनमें से करीब 25 हजार महिलाएं ऐसी हैं, जिनके आधार या समग्र आईडी में पिता का नाम दर्ज था. उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हो रहा था. ऐसी महिलाओं को दस्तावेजों में पिता की जगह पति का नाम जुड़वाना पड़ा. इसके बाद ही उनके आवेदन स्वीकार हुए. दरअसल पोर्टल पर फॉर्म भरते समय केवल वे आवेदन स्वीकार हो रहे थे जिनमें पति का नाम दर्ज था. ऐसे में उन तलाकशुदा और विधवा महिलाओं को दिक्कत आई जिनके दस्तावेजों में पिता का नाम दर्ज था.
भोपाल नगर निगम के हर जोन में आठ हजार से लेकर 15 हजार तक महिलाओं ने आवेदन किए हैं. इनमें 10 फीसदी आवेदन ऐसे थे, जिनके आधार, समग्र आईडी में से किसी एक में या दोनों में पिता का नाम दर्ज था. बाद में इसमें पति का नाम दर्ज हुआ, तब जाकर उनके आवेदन स्वीकार हो गए महिलाओं को पुराने कागजात में से पति के आधार और समग्र आईडी को अपने कागजात में जुड़वाना पड़ा. इस प्रक्रिया में महिलाओं को 2-3 दिन तक आधार सेंटर और वार्ड कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़े.
क्या कहना है महिला एवं बाल विकास विभाग का
वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'लाडली बहना योजना' के मूल फॉर्म में विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा के ऑप्शन भी हैं, लेकिन पोर्टल में तकनीकी खामी के कारण ऐसी समस्या सामने आई.विभाग का कहना है कि विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी आखिर हैं तो विवाहित हीं.एमपीएसईडीसी को कहा गया है कि वह इसका एसओपी बनाए ताकि भविष्य में इस तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.
लाडली बहना की इस योजना के आवेदनों की जांच की कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं है. आवेदन फार्म जमा होने के बाद पोर्टल पर प्रकाशित सूची पर 15 मई तक दावे-आपत्ति की जा सकती है. इसके बाद जून से इन महिलाओं को 1000 रुपये हर महीने मिलना शुरू हो जाएगा.
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