Indore News: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भी कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती है कि यहां हवा प्रदूषित हो जाती है. दरअसल, शहर में बढ़ती वाहनों की संख्या और उनसे निकलने वाले धुंए और कंस्ट्रक्शन से उड़ती धूल इसकी बड़ी वजह है. हालांकि नवंबर माह के पहले सप्ताह में एयर क्वालिटी इंडेक्स में जबरदस्त परिवर्तन देखा गया और इंदौर की हवा दूषित हो गई. जिसकी मुख्य वजह दीपावली पर जलाये गए पटाखे थे.
हालांकि देश के सबसे स्वच्छ शहर में हवा के सामान्य स्तर को बनाने के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड लगातार काम कर रहा है और पूरी निगरानी रख कर नगर निगम इंदौर को विशेष दिशा निर्देश भी दे रहा है ताकि इंदौर में स्वच्छ शहर होने के साथ ही वायु प्रदूषण न हो.
मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड इंदौर के प्रयोगशाला प्रभारी एस. एन. पाटिल ने बताया कि इंदौर में हवा के स्वच्छ पैमाने को बनाए रखने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सतत निगरानी बनाये हुए है. वहीं उन्होंने बताया कि शहर प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए फिलहाल, ऑनलाइन एयर मैपिंग डीआईजी कार्यालय पर लगाई गई है, जिससे हर एक घण्टे के हवा के स्तर को मापा जाता है. उन्होंने बताया मैन्युल स्तर पर शहर के रेसीडेंसी इलाके और कोठारी मार्केट के एयर क्वालिटी इंडेक्स का पता लगाया जाता है. इसके साथ ही दो अन्य स्थानों पर भी ऑनलाइन मैपिंग के लिए मशीन लगाई जाएगी.
एस. एन. पाटिल ने ये भी बताया कि नगर निगम को निर्देश दिए जाएंगे कि शहर में जो धूल उड़ती है, उसके लिए निगम पानी का छिड़काव करें. उन्होंने बताया कि निगम हालांकि डस्ट कलेक्शन की मशीन जरूर चलाता है, बावजूद AQI लेवल सामान्य रहे इसके लिए निरंतर प्रयास किये जाने चाहिए. शहर में बढ़ते वाहनों के प्रदूषण के चलते भी हवा दूषित होती है, ऐसे में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हर वाहन की प्रदूषण की जांच हो ताकि शहर में हवा का स्तर बेहतर बना रहे. हालांकि वायु प्रदूषण इस समय कंट्रोल में है.
दूसरी तरफ, इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स के स्तर को सामान्य बनाये रखने के लिए यातायात पुलिस के आला अधिकारियों की एक बैठक भी की है. उन्होंने बताया कि स्वच्छता में पंच लगाने वाले नम्बर-1 शहर इंदौर को ये ध्यान रखना होगा कि शहर में एयर पॉल्यूशन न हो और हवा का स्तर सामान्य रहे क्योंकि अगले साल स्वच्छता के पैमाने पर खरा उतरने के लिए वायु प्रदूषण का स्तर भी जांचा जाएगा. लिहाजा, वाहनों से वायु प्रदूषण कम हो और साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए इसके लिए बैठक आयोजित की गई, जिसमें विशेष दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.
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