MP News: समाज में फैली बाल विवाह की कुरीति को रोकने के लिए उज्जैन प्रशासन सख्त है. नोडल विभाग महिला एवं बाल विकास की टीम ने झरना थाना क्षेत्र में बाल विवाह को रुकवा दिया. नाबालिग बच्ची ने चाइल्ड हेल्पलाइन भोपाल से गुहार लगायी थी. उसने बताया था कि परिजन मर्जी के खिलाफ शादी करा रहे हैं. बच्ची ने पढ़ाई की इच्छा जताई थी. चाइल्ड हेल्पलाइन भोपाल को बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम एक्टिव हुई.


नाबालिग बच्ची ने चाइल्ड हेल्पलाइन भोपाल से लगायी थी गुहार


टीम ने मौके पर पहुंचकर नाबालिग जोड़े के विवाह को समझाइश देकर रुकवा दिया. परिजनों को बच्चों के नाबालिग रहने तक विवाह न करने की शपथ दिलाई गई. टीम ने कम आयु में विवाह करने के दुष्प्रभावों की भी जानकारी दी. परिजनों को सख्त हिदायत दी गयी कि नियम विरुद्ध शादी कराने पर दो साल तक की सजा भी हो सकती है. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में शादियों का मौसम चल रहा है. प्रशासन को बाल विवाह की शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं.


महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने रुकवाया बाल विवाह


एक शिकायत झरना थाना क्षेत्र से आयी थी. महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह को रुकवा दिया. कलेक्टर ने बताया कि जिले में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग उज्जैन मैदानी स्तर पर सक्रिय रहकर चाइल्ड हेल्पलाइन भोपाल की सूचना पर त्वरित कार्रवाई कर रहा है.


कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि विवाह के समय वर की आयु 21 वर्ष और वधु की आयु 18 वर्ष पूरी होना आवश्यक है. लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह माना जाता है. बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 का उल्लंघन करने पर दो वर्ष की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि बाल विवाह में सहयोग करना भी अपराध माना गया है. 


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