MP News: मध्य प्रदेश में गिरती है सबसे अधिक आकाशीय बिजली, जानिए किस तरह से कर सकते हैं बचाव
MP Lighting News: पूरे देश में आकाशीय बिजली गिरने की सबसे अधिक घटनाएं मध्य प्रदेश में होती हैं. पिछले साल प्रदेश में 350 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई है.
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MP News: देश में आकाशीय बिजली (Lightning) गिरने के सबसे मामले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सामने आते हैं. एक सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 2021-2022 में प्रदेश में बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं. इनमें 350 लोगों की मौत हो गई. वार्षिक लाइटनिंग रिपोर्ट 2021-2022 के मुताबिक मध्य प्रदेश में सबसे अधिक क्लाउड-टू-ग्राउंड स्ट्राइक (बिजली गिरना) दर्ज की गई हैं. वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों ने आधे स्ट्राइक के साथ दोगुना नुकसान उठाया है. यहां बता दे कि वार्षिक लाइटनिंग रिपोर्ट 2021-2022 लाइटनिंग रेजिलिएंट इंडिया कैंपेन की तीसरी वार्षिक रिपोर्ट है. जो केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (CROPC) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की एक संयुक्त पहल है.
कोरोना के बाद दर्ज की गई है बिजली गिरने की घटना में कमी
साल 2019-2020 में देश भर में बिजली गिरने की 1 करोड़ 85 लाख 44 हजार 367 घटनाएं हुई थीं. लेकिन 2020-2021 में इसमें 19.48 फीसदी की कमी आई. इस साल देश में बिजली गिरने की 1 करोड़ 49 लाख 31 हजार 365 घटनाएं हुई. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना काल में प्रकृति (जल,जंगल,जमीन) में मानवीय दखल कम हो गया था. इसकी कारण बिजली गिरने की घटनाओं में कमी आई.
मध्य प्रदेश में इस साल सिर्फ मई-जून महीने में ही बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में लगभग दो दर्जन मौतें हो चुकी हैं. जबलपुर के साथ रीवा, सिवनी, छिंदवाड़ा, विदिशा, भोपाल, इंदौर में बिजली गिरने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं.
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क्या कहा मौसम के जानकार गुरुदत्त मिश्रा ने?
मौसम के जानकार गुरुदत्त मिश्रा के मुताबिक एक्सट्रीम वेदर कंडीशन के कारण बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं.अधिक तापमान, हरियाली, गरम और ठंडी हवाओं के मेल के कारण बिजली चमकने और गिरने की घटाएं होती हैं. लेकिन एक बार मानसून सेटल हो जाता है तो इसमें कमी होने लगती है. मध्य प्रदेश के अलावा ओड़िसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र में बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा होती हैं.
आकाशीय बिजली से हुई मौत पर मिलता है मुआवजा
देशभर में आकाशीय बिजली की घटनाओं को दर्ज करने के लिए लाइटनिंग डिटेक्टर लगे हैं. ये 200 से 250 किमी के दायरे में आकाशीय बिजली की घटना होने पर दर्ज कर लेते हैं. लाइटनिंग डिटेक्टर से मिली जानकारी को रोजाना, साप्ताहिक और मासिक आधार पर दर्ज कर, बिजली की घटनाओं की गिनती की जाती है. मध्य प्रदेश में बिजली गिरने से जन-धन हानि पर मुआवजे का प्रावधान भी है. प्रदेश में बिजली गिरने से होने वाली मौत पर 2 लाख और अपंगता होने पर 50 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है. इसके साथ ही आपदा कोष से 20 हजार रुपये धन या पशु हानि पर मिलता है.
आकाशीय बिजली से कैसे बचें
• वज्रपात के समय पक्की छत के नीचे चले जाएं
• खिड़की के कांच, टिन की छत, गीले सामान और लोहे के हैंडलों से दूर रहें.
• वज्रपात के समय यदि पानी में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं.
• सफर के दौरान अपने वाहनों में शीशे चढ़ा कर रखें.
• मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहन में सवारी न करें.
क्या न करें
• वज्रपात के समय पेड़ के नीचे न खड़े हों.
• बिजली के उपकरणों और टेलीफोन आदि का प्रयोग न करें.
• दीवार के सहारे टेक लगाके न खड़े हों.
• बिजली के खंभे के पास न खड़े हों.
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