MP Medicine News: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले गरीब मरीजों के लिए आने वाला वित्तीय वर्ष भारी पड़ सकता है. 2023-24 के बजट में अस्पतालों में दवाओं और मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति के लिए सिर्फ 70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. अकेले जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में हर साल करीब 10 करोड़ रुपये की दवाएं लगती है. हालांकि, प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग (Vishvas Sarang) का कहना है कि दवाओं के लिए बजट की कमी नहीं आएगी.


बता दें कि मध्य प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में दवाओं और मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति के लिए 2023-24 के बजट में पर्याप्त बढ़ोत्तरी न होने से मरीजों को मुश्किलें हो सकती है. इसके लिए सरकार ने सिर्फ 70 करोड़ रुपये का बजट दिया है. बताया जाता है कि सिर्फ आक्सीजन की आपूर्ति पर ही हर साल 40 करोड़ रुपये खर्च होता है. चालू वित्तीय वर्ष में भी कम बजट मिलने के कारण अस्पतालों में मरीजों को दवाओं की किल्लत का सामना करना पड़ा. इस बात की शिकायत लगातार सामने आई थी कि अस्पताल में मरीजों को बाहर से दवाएं लाने को कहा जाता है.


कांग्रेस ने लगाये आरोप


मध्य प्रदेश सरकारी मेडिकल कालेजों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. इसके साथ ही अस्पतालों में मित्रों की कैपेसिटी भी बढ़ाई जा रही है, लेकिन सरकार ने इस अनुपात में दवाओं और ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दिए जाने वाले बजट में वृद्धि नहीं की. अस्पतालों को जितना बजट चाहिए, उसका आधा भी नहीं मिल रहा है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव सौरभ नाटी शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार केवल घोषणाएं करती है. जनहितकारी योजनाओं के लिए जितने बजट की आवश्यकता होती है, वह नहीं दिया जाता है. जबलपुर मेडिकल कॉलेज में लगातार मरीजों और उनके परिजनों को पर्चा थमा कर बाहर से दवाई लाने को कहा जाता है. उन्होंने कहा कि आने वाले साल में बजट की कमी गरीब मरीजों को और परेशान करेगी.


एक्सपायर्ड केमिकल की जांच में ढिलाई


जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एक्सपायर्ड दवाएं और केमिकल सप्लाई के मामले में सरकार का रवैया ढुल-मुल बना हुआ है. घटना को छह माह से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद भी सरकार की जांच अभी भी चल रही है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विधानसभा में विधायक तरुण भनोत को बताया कि जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कालेज स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक्सपायर्ड केमिकल और डिस्टिल्ड वॉटर के उपयोग के संबंध में आई शिकायत की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया. इस पूरे मामले की जांच हो रही है. जांच पूरी होने के बाद गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा.


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