मेरी पॉलिसी मेरे हाथ: योजना क्या है, किसे लाभ मिलेगा, जानिए कैसे बीमा पॉलिसी डॉक्यूमेंट आपके मिलेगा घर पर
‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ का शुभारम्भ 26 फरवरी को कर दिया गया है. सरकार ने कहा कि वह किसानों को फसल बीमा पॉलिसी देने के लिए घर-घर वितरण अभियान शुरू करने वाली है.
भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत फसल बीमा पॉलिसी वितरण अभियान ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ (Meri Policy, Mere Haath) का शुभारम्भ 26 फरवरी को कर दिया गया है. सरकार ने कहा कि वह किसानों को फसल बीमा पॉलिसी (Fasal Bima Policy) देने के लिए घर-घर वितरण अभियान (Door to Door Distribution Campagin) शुरू करने वाली है ताकि हर किसान की परेशानी कम और सुविधा ज्यादा मिल सके.
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की शुरुआत
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने हाल ही में इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की. इस अभियान की शुरुआत मध्य प्रदेश के इंदौर के करीब बूढी बरलाई गाँव में की गई. अभियान के जरिये केंद्र सरकार का मकसद यह है कि देशभर के किसानों तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दस्तावेज पहुंचना है, जिन्होंने यह बीमा करवाया हुआ है.
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- बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 फरवरी 2016 को की थी. इस योजना के तहत फसलों का बीमा होता है. जिसमें फसलों का सूखा, आंधी-तूफ़ान, बेमौसम बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट संक्रमण, चक्रवात जैसे दुश्वारियों से बीमा सुरक्षा दी जाती है. किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की स्थिति में किफायती दर पर सरकार की और से बीमा मिलता है.
- फसल की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक पूरे फसल चक्र से जुडी गतिविधियों के दौरान फसल के नुकसान के ख़िलाफ़ सुरक्षा मिलती है. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 6 वर्षों में अबतक कुल 36 करोड़ किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हैं और प्राकृतिक आपदों से फसलों को नुकसान के एवज से संबंधित किसानों को एक लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का मुआवजा दिया गया है.
महीने भर चलेगा कैम्पेन
‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ अभियान एक महीने तक चलाया जायेगा. इसमें रबी 2021-22 के तहत बीमारी सभी किसानों को उनके घर जाकर फसल बीमा के दस्तावेज दिए जाएंगे. ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ के माध्यम से प्रकृतिक खेती, ड्रोन, ई-सैम्पलिंग जैसे मॉडर्न टेक्नोलॉजी से भी रू-ब-रु करवाया जायेगा.
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