MP News in Hindi: इंदौर को लंबे समय से मेट्रो ट्रेन चलने का इंतजार है. ऐसे में बुधवार देर रात मेट्रो ट्रेन के तीन कोच इंदौर पहुंच गए. यह कोच गुजरात के सांवली से 7 दिन पहले इंदौर के लिए रवाना हुए थे. पिछले 24 घंटे में दो ट्रालों में लोड करके ला रहे कोच 120 किलोमीटर का सफर तय करके यहां तक आए हैं. मेट्रो के अधिकारियों ने बताया की एक कोच का वजन 60 टन के आसपास है. ऐसे में में ट्राला को प्रति घंटे 20 से 30 किलोमीटर की रफ्तार से ही चलाया गया है. सांवली से निकले ये कोच 800 किलोमीटर की दूरी सात दिन में तय कर पाए हैं. बुधवार को सुबह क्रेन की सहायता से इन्हें नीचे उतर गया. इसके बाद उनकी पूजा की गई.


इंदौर के कलेक्टर ने क्या जानकारी दी है


इंदौर के कलेक्टर इलैयाराजा टी ने खजराना मंदिर में पत्रकारों को बताया की सितंबर के दूसरे सप्ताह के अंत में या तीसरे सप्ताह की शुरुआत में मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन किया जाएगा. यह संभावित 15 तारीख तक हो सकता है. ट्रायल के साथ ही लोकार्पण भी किया जाएगा. आपको बता दें कि इंदौर मेट्रो ट्रेन के यार्ड में 25 ट्रेनों को रखने की कैपेसिटी है.


जो कोच गुजरात से इंदौर लाए गए हैं, उन्हें पटरी पर उतारने के लिए डिपो में 4 पॉइंट जैक क्रेन मंगवाई गई है. इसके लिए कोच मेट्रो डिपो में बने स्टर्लिंग यार्ड में ले जाए जाएंगे. उसके बाद टेस्टिंग ट्रैक पर इन्हें चेक किया जाएगा. उसके बाद कोच मेट्रो के वाय डक्ट पर पहुंचेगी. गांधीनगर से 15 सितंबर के आसपास मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन संभावित है. गांधीनगर से टीसीएस चौराहे तक करीब 5.9 किलोमीटर ट्रैक पर मेट्रो का ट्रायल किया जाना है. इस हिस्से में कुल पांच स्टेशन हैं. मेट्रो ट्रेन कारपोरेशन के पदाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक स्टेशन पर 8-8 एस्केलेटर लगाए जाएंगे. फिलहाल केवल दो स्टेशनों पर ही तीन एस्केलेटर लगाए गए हैं. एक अन्य स्टेशन पर एस्केलेटर लगाने का काम चल रहा है. 


किस स्टेशन पर चल रहा है क्या काम


वहीं अगर गांधीनगर की बात करें तो डिपो में फिलहाल यार्ड में भी आधा से ज्यादा काम हो गया है. थोड़ा काम बाकी है. इसी जगह पर मेट्रो के कोच रखे जाएंगे.मेट्रो के जो पांच स्टेशन हैं, उनमें गांधीनगर स्टेशन पर एस्केलेटर तैयार है. यहां एस्केलेटर में सीट का काम होना शेष है. इसके बाद अगला स्टेशन सुपर कॉरिडोर है. वहां छह सिविल वर्क चल रहे हैं. सुपर कॉरिडोर के पास ही तीसरा स्टेशन है, जहां एस्केलेटर का काम अभी जारी है. इसके बाद चौथा स्टेशन भी सुपर कॉरिडोर पर ही है. इस पर सिविल वर्क चल रहा है. काफी हद तक काम हो गया है. पांचवा स्टेशन भी तैयार हो रहा है. वहां दिन-रात काम किया जा रहा है.


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