MP Sand Mining Scam: रेत खनन घोटालों की कड़ी में पन्ना के बाद होशंगाबाद का नाम जुड़ गया है. जिले में 144 करोड़ रुपये का एक नया घोटाला सामने आया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्र लिखकर सीएम शिवराज सिंह चौहान का ध्यान खींचा है. उन्होंने घोटाले की उच्च स्तरीय जांच और पुलिस में मामला दर्ज कराने की मांग की है. खनिज विभाग ने 13 जनवरी, 2021 को होशंगाबाद जिले की 118 रेत खदानों का ठेका 261 करोड़ रुपये में छत्तीसगढ़ की आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था.
छत्तीसगढ़ की कंपनी पर रेत खनन घोटाले का आरोप
कंपनी को प्रति माह निर्धारित 24 करोड़ रुपये राज्य शासन के पास जमा कराने थे. पिछले साल के शुरुआती महीनों से ही कंपनी ने निर्धारित किश्त देने में रुचि नहीं दिखाई. कंपनी कोरोना काल में कारोबार नहीं होने का बहाने करती रही. सितंबर से दिसंबर 2021 में कंपनी ने शासन को एक रुपया भी नहीं दिया. जबकि उसे 144 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करना था. करोड़ों की राशि बकाया होने के बाद भी खनिज विभाग ने रेत कंपनी पर कोई कार्यवाही नहीं की. अनुबंध के अनुसार एक माह का विलंब होने पर कंपनी से करार खत्म कर दिया जाना था और नये टेंडर जारी किये जाने थे. कंपनी सरकार की उदारता के भरोसे खदानों से करोड़ों रुपये की रेत निकालकर बेचती रही.
जिले से लेकर शासन स्तर तक कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. आपकी सरकार के खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह होशंगाबाद जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी होशंगाबाद जिले से नजदीकी रिश्ता है. दोनों पन्ना खनिज घोटाले की बहुचर्चित जोड़ी है. आश्चर्यजनक है कि शीर्ष राजनेताओं से लेकर जिम्मेदार अधिकारी तक खामोश रहे और कंपनी करोड़ों रुपये की रेत बेचती रही. जब 144 करोड़ रुपये की चपत राज्य शासन के खजाने को लग गई तो जनवरी 2022 में कंपनी से अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई खनिज निगम मुख्यालय भोपाल के स्तर से की गई और कलेक्टर होशंगाबाद को रेत खदानों का कब्जा वापस लेने के लिए पत्र लिखा गया.
खनिज निगम के कार्यपालक संचालक ने कलेक्टर को लिखे पत्र में ठेकेदार की रखी रेत का स्टॉक मिलाने के निर्देश दिये. कंपनी को स्टॉक में रखी रेत बेचने के अधिकार दे दिये गए हैं. खनिज विभाग के रिकार्ड में कंपनी के पास 4 लाख 37 हजार क्यूविक मीटर रेत स्टॉक में है. रेत कारोबार से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि होशंगाबाद जिले में कंपनी के पास स्टॉक में रेत बची ही नहीं है. कंपनी इकट्ठा की गई पूरी रेत बेच चुकी है. संग्रहण के नाम एकत्र 4 लाख 37 हजार क्यूविक मीटर रेत स्टॉक में बताई जा रही है जबकि कंपनी के पास कुछ हजार क्यूविक मीटर रेत भी नहीं है. कंपनी नदी से अवैध खनन कर प्रतिदिन बेच रही है.
छत्तीसगढ़ की कंपनी करीब 13 लाख 80 हजार क्यूविक रेत में से साढे नौ लाख क्यूविक मीटर रेत पहले ही बेच चुकी है. स्टॉक के नाम पर कंपनी के पास कहीं भी रेत नहीं है. अवैध रुप से खनन किया बडी मात्रा में करोड़ों रुपये की रेत बेची जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्र में आगे लिखा है आपको विदित है कि पन्ना जिले की अयजगढ़ तहसील के दर्जनों गांवों से हजारों करोड़ रुपये की रेत अभी तक बेच दी गई है. आपके खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह इलाके से विधायक हैं और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा सांसद हैं. होशंगाबाद जिले में भी नया रेत घोटाला सामने आया है. यहां भी प्रभारी मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह हैं.
मैंने पूर्व में आपको पत्र लिखकर ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह को पन्ना के रेत खनिज घोटाले में सहभागी होने का आरोप लगाकर मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी. अब उनके प्रभार वाले जिले में एक और सैकड़ों करोड़ रुपये का रेत घोटाला आपके सामने आ गया है. होशंगाबाद कमिश्नर के माध्यम से स्टॉक में बताई गई रेत का सत्यापन कराया जाये ताकि ‘‘रेत का खेल’’ सामने आ सके क्योंकि होशंगाबाद का जिला प्रशासन प्रभारी मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह के दबाव में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है. खनिज निगम के 5 अक्टूबर को लिखे पत्र पर भी कलेक्टर स्तर से स्टॉक संबंधी कार्रवाई नहीं की गई थी. जबकि अनुबंध की धारा 7 के तहत कार्रवाई जिला स्तर से की जानी थी.
दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से की कार्रवाई की मांग
रेत ठेकेदार की तरफ से स्टॉक के नाम पर रेत खनन कर शासन को सैकड़ों करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है. कंपनी नदी से रेत निकाल रही है और स्टॉक के नाम पर ईटीपी जारी कर रही है. धोखाधड़ी उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण के माध्यम से हो रही है. आप माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बातें रोजाना करते हैं लेकिन असर कहीं नजर नहीं आता. मेरा आपसे अनुरोध है कि होशंगाबाद जिले के प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह को जिला प्रभारी मंत्री पद से हटाकर होशंगाबाद कमिश्नर के नेतृत्व में रेत स्टॉक का सत्यापन कराया जाये. मध्यप्रदेश शासन को डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान करने वाली कंपनी के खिलाफ आपराधिक धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर खनिज नियमों के अनुरुप सख्त कार्रवाई की जाये.
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