Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में महीने में एक बार जाने के निर्देश दिए हैं. सीएम से मिले निर्देशों पर मंत्री अमल भी कर रहे हैं. आज प्रदेश के दो मंत्री कृष्णा गौर और प्रहलाद पटेल अपने-अपने प्रभार वाले जिले में पहुंचे. मंत्री कृष्णा गौर जहां टीकमगढ़ पहुंचीं तो वहीं प्रहलाद पटेल ने भिंड का दौरा किया. हालांकि, 15 दिन बाद भी कई मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में नहीं पहुंच सके हैं.
बता दें, मंत्री प्रहलाद आज गुरुवार को भिंड दौरे पर हैं. भिंड प्रभारी मंत्री बनने के बाद ये उनका यह पहला दौरा है. कार्यकर्ताओं ने मंत्री के भिंड पहुंचने पर 201 स्थानों स्वागत समारोह का आयोजन किया है. मंत्री प्रहलाद पटेल इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे. इधर मंत्री कृष्णा गौर ट्रेन से सफर कर टीकमगढ़ पहुंचीं, जहां रेलवे स्टेशन पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी अगवानी की.
क्यों नहीं प्रभार जिलों में पहुंचे मंत्री?
मध्य प्रदेश में मंत्रियों को 15 अगस्त से पहले प्रभार वाले जिले सौंपे गए थे. इस दौरान एक-एक मंत्री को दो जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं, बावजूद अब तक कई मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में नहीं पहुंच सके हैं, इसकी प्रमुख वजह मंत्रियों के अपने गृह जिले से प्रभार वाले जिलों की दूरी अधिक बताई जा रही है.
किस मंत्री के लिए कितनी दूरी?
पीएचई मंत्री संपतिया उइके का गृह जिला मंडला है, जबकि उन्हें दो जिले सिंगरौली और अलीराजपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. मंडला से सिंगरौली की दूरी 404 किलोमीटर है, जबकि अलीराजपुर की दूरी 808 किलोमीटर है. इसी तरह नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का गृह जिला इंदौर है. उन्हें धार और सतना का प्रभारी मंत्री बनाया है. इंदौर से धार की दूरी 64 किलोमीटर, जबकि सतना की दूरी 707 किलोमीटर है.
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का गृह जिला ग्वालियर है. उन्हें शिवपुरी और पांढुर्णा का प्रभार सौंपा गया है. ग्वालियर से शिवपुरी की दूरी 116 किलोमीटर, जबकि पांढुर्ना की दूरी 694 किलोमीटर है. वहीं, मंत्री ऐदल सिंह कंषाना का गृह जिला मुरैना है. उन्हें छतरपुर और दतिया का प्रभारी मंत्री बनाया है. मुरैना से छतरपुर की दूरी 286 किलोमीटर, जबकि दतिया की 127 किलोमीटर है.
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