MP News Today: मध्य प्रदेश वासियों को आवारा पशुओं से जल्द ही निजात मिलने वाली है. इसको लिए भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मोहन यादव सरकार ने राज्य में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है.


इस संबंध में मध्य प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी की है. शनिवार (18 अगस्त) की रात को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्य सरकार ने प्रमुख सड़कों पर 15 दिन का विशेष अभियान चलाएगी. इस दौरान आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाएगी.


सरकार ने जारी विज्ञप्ति में क्या कहा?
प्रदेश सरकार के जरिये जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आवारा पशुओं के नियंत्रण के लिए मिले सुझावों को भी विशेष अभियान में शामिल किया जाएगा. विज्ञप्ति में कहा गया है कि आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इसके सदस्य होंगे.


इन अधिकारियों को मिली है जिम्मेदारी
इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को प्रमुख सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे.


विज्ञप्ति के मुताबिक, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और लोक निर्माण विभाग (PWD) और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रमुख सचिवों को समिति का सदस्य बनाया गया है. इसमें बताया गया है कि शहरी आवास एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे.


एमपी में आवारा पशु का आंकड़ा
मध्य प्रदेश में आवारा पशु हालिया वर्षों में एक बड़ी समस्या बन गए हैं. यह समस्या शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक समान है. इस समस्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मध्य प्रदेश में साल 2012 से 2019 तक आवारा पशुओं की संख्या में 95 फीसदी इजाफा हुआ हैं.


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, पूरे देश में 5 मिलियन से अधिक आवारा पशु हैं. राज्यवार बात करें तो मध्य प्रदेश इस मामले में सबसे आगे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 8 लाख 53 हजार 971 है, जबकि आवारा कुत्तों का आंकड़ा एक मिलियन से ऊपर है. प्रदेश में पिछली शिवराज सरकार ने इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए जिनमें से एक आगर मालवा गायों के लिए अभयारण्य बनाना भी है.


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