MP Transfer Policy 2024: सोशल मीडिया पर बुधवार को मध्य प्रदेश की ट्रांसफर नीति का एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल पत्र में दावा किया गया है कि इस बार मोहन यादव की सरकार ने ट्रांसफर नीति में बड़ा बदलाव किया है. 6 पन्नों का पत्र सोशल मीडिया पर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भी जमकर शेयर किया जा रहा है. एबीपी न्यूज ने वायरल हो रहे पत्र की सच्चाई को जानने की कोशिश की. 


गौरतलब है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को हर साल जुलाई और अगस्त महीने का शिद्दत से इंतजार होता है. दो महीनों के बीच सरकार कर्मचारियों और अधिकारियों का ट्रांसफर करती है. इस बार नई ट्रांसफर नीति का इंतजार कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों के हाथ सोशल छह पन्नों का पत्र लगा है. पत्र में ट्रांसफर की शर्तें और नियम का उल्लेख किया गया था. इसके अलावा समय सीमा का भी जिक्र उल्लेख था.




सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र


छह पन्नों का पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों तक पहुंच गया. पत्र वायरल होने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बन गई. मामले में मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. जनसंपर्क विभाग की ओर से वायरल हो रहे पत्र को फर्जी बताया गया है. पत्र का खंडन करते हुए कहा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने अभी आदेश जारी नहीं किया है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में सोशल मीडिया पर जारी हुआ पत्र गलत साबित हुआ. 


जानें नई ट्रांसफर नीति की सच्चाई 


सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र में ट्रांसफर नीति 2024-25 का उल्लेख किया गया था. हालांकि मोहन यादव की सरकार ने अभी तक कोई ट्रांसफर नीति पर फैसला नहीं लिया है. जनसंपर्क विभाग ने भी साफ कर दिया है कि अभी सरकार की ओर से कोई ट्रांसफर नीति नहीं बनी है.


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