Regional Industry Conclave: मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए सरकार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जिला कलेक्टर को भी औद्योगिक विकास में पूरे सहयोग की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. इसी के चलते अब कलेक्टर भी उद्योगपतियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आगे आ रहे हैं. दमोह में कलेक्टर ने प्रति सोमवार उद्योगपतियों के लिए 2 घंटे का समय तय किया है.
मध्य प्रदेश में अभी तक चार जगह रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो चुका है. उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में आयोजन किया जा चुका है. इसके अलावा अब नर्मदा पुरम सहित कई संभागीय मुख्यालय पर आयोजन की तैयारी की जा रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि संभागीय मुख्यालय के बाद अब फिर जिला स्तर पर आयोजन होंगे और औद्योगिक विकास की समीक्षा भी की जाएगी. उन्होंने सभी जिले के कलेक्टरों को भी औद्योगिक विकास को लेकर जिले में औद्योगिक प्रोत्साहन केंद्र खोलने के निर्देश दिए हैं.
उद्योगपतियों से मिलने के लिए रखा गया है समय
इसके अतिरिक्त सीएम मोहन यादव ने उद्योगपतियों की समस्या का समाधान करने में विशेष रूचि दिखाने को भी कहा है. इसी के चलते दमोह से इसकी शुरुआत हो चुकी है. दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि उद्योगपतियों के लिए प्रति सोमवार सुबह 10 से 11 और शाम को 4:00 से 5:00 का समय मिलने के लिए रखा गया है. इस समय वे अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते हैं. उल्लेखनीय है कि प्रति मंगलवार मध्य प्रदेश सरकार लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए सभी विभागों की जनसुनवाई करती है. अब सोमवार को उद्योगपतियों की जनसुनवाई शुरू हो गई है.
दमोह कलेक्टर ने क्या कहा?
दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा कि सागर में रीजनल इन्वेस्टर कॉन्क्लेव के बाद दमोह में भी औद्योगिक विकास की अपार संभावना है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उद्योगपतियों को कमिटमेंट किया गया है, उसी को ध्यान में रखते हुए उनकी समस्या का समाधान करने के लिए सोमवार का दिन तय किया गया है. इस दिन उनके दफ्तर में आने वाले उद्योगपतियों को पल भर का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा. उनके सीधे जिला कलेक्टर से मुलाकात होगी और उनकी समस्या का नियम अनुसार समाधान भी किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि एकल खिड़की से उद्योगपतियों को उद्योग खोलने के लिए समस्त सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी.