MP News: मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज की राह पर चल पड़ी है. सरकार इस बार 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दो किस्तों में लेगी. 2500 करोड़ रुपये का कर्ज 20 साल और 2500 करोड़ रुपये का कर्ज 14 साल की अवधि के लिए सरकार ले रही है. राशि सरकार ई-ऑक्शन के जरिये गिरवी रखकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेगी. बता दें कि सरकार पिछले 11 महीनों में 40 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.


अब मध्य प्रदेश की जनता पर लगभग 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ हो चुका है. विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने कर्ज लेने पर सरकार को घेरा है. विपक्ष के घेरने पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि कर्ज लेने का उद्देश्य प्रदेश का विकास है. सरकार कर्ज को चुकता भी करती है. सरकारों का कर्ज लेना एक सामान्य प्रक्रिया है.


सरकार एक बार फिर लेगी लोन


वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस कर्ज लेकर घी पीती थी. उन्होंने कहा कि सरकार में रहते कांग्रेस कर्ज का इस्तेमाल अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए करती थी. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश विकास की राह में लगातार आगे बढ़ रहा है. विकास के लिए बजट की जरूरत होती है. बीजेपी सरकार बजट का दुरुपयोग नहीं करती है. 


'जनता को नहीं मिलने वाला लाभ'


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि सरकार के कर्ज लेने का लाभ आम आदमी को नहीं मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है. किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि कर्ज के पैसे से केवल भ्रष्टाचार हो रहा है. 


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