MP CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश में सीएम के नाम को लेकर चल रहे सस्पेंस खत्म हो चुका है. बीजेपी के विधायक दल की बैठक ने मोहन यादव के रूप में प्रदेश को नया सीएम दे दिया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव छात्र जीवन से ही संघर्ष करते आए हैं. उन्होंने अपने जीवन में पढ़ाई और राजनीति के साथ-साथ व्यवसाय को भी काफी महत्व दिया है. उन्होंने छात्र राजनीति के दौरान ही रेस्टोरेंट खोलकर अपने पैर मजबूत कर लिए थे. इसके बाद जब छात्र संघ के अध्यक्ष बने तो उन्होंने भोजन की होटल भी शुरू कर दी थी.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साल 1984 में छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर चुनाव जीतकर छात्र राजनीति में अपना परचम लहरा दिया था. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद चर्चा में बताते हैं कि साल 1982 में उनकी तंबाकू बाजार इलाके में चाय और पोहे की होटल हुआ करती थी. जब वे छात्र राजनीति के साथ-साथ पढ़ाई भी करते थे उस समय वह व्यवसाय के रूप में होटल संचालित करते थे. जब वे छात्र संघ के अध्यक्ष बने तो उन्होंने भोजन का रेस्टोरेंट भी सराफा इलाके में शुरू कर दिया था.


ऐसा रहा मोहन यादव का छात्र जीवन


जब छात्र राजनीति के दौरान मोहन यादव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का ध्वज उठाकर चल रहे थे, उस समय उज्जैन और आसपास के इलाके भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का दबदबा था. इसके बावजूद मोहन यादव ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को मजबूती के साथ स्थायित्व दिलाने में पूरी मदद की. जब वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़े तो संघ और भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ-साथ बीजेपी के लिए काम करने लगे. इस दौरान भी उन्होंने अपने समय को बचा कर व्यवसाय करना जारी रखा. वे कई प्रकार के व्यवसाय करने के साथ-साथ खेती भी करते हैं. कृषि से उनकी काफी आय होती है. बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि उच्च शिक्षित मोहन यादव ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अपनी पसंद से शिक्षा मंत्रालय मांगा था. 


होटल पर बनाए समोसे


जब मोहन यादव विधायकी कार्यकाल के दौरान कुछ समय पहले फ्रीगंज के एक रेस्टोरेंट पर पहुंचे तो वहां पर समोसे बना रहे थे. इस दौरान बहुप्रतिभा के धनी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने होटल व्यवसायी को अलग करते हुए खुद समोसे बनाकर दिखा दिए. इस दौरान उन्होंने रोचक किस्सा भी सुनाया. उन्होंने खुद कहा कि वे होटल व्यवसाय से भी जुड़े रहे है. उन्हें खान-पान का भी काफी शौक है. बता दें कि 58 वर्षीय मोहन यादव का राजनीतिक करियर एक तरह से 1984 में शुरू हुआ जब उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को ज्वाइन किया. वह आरएसएस के भी सदस्य हैं. उन्होंने 2013 में उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ा था और लगातार तीसरे चुनाव में यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं. इस बार उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी चेतन प्रेम नारायण यादव को 12941 वोटों से हराया था. मोहन यादव को 95699 वोट मिले थे. 


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