Indian Railways News: भारतीय रेलवे के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. रेलवे ने भोपाल-इटारसी के बीच 47 किलोमीटर की तीसरी लाइन बिछाने की सुपर क्रिटिकल परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. पश्चिम मध्य रेल का भोपाल-इटारसी मार्ग भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण और व्यस्त रेल खंड है. वर्तमान में इस खंड पर प्रतिदिन औसतन 34 मालगाड़ियों के साथ 80 से अधिक जोड़ी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. इस प्रकार इस रेलखंड की उपयोगिता 117 फीसद होती है.


हबीबगंज-बरखेड़ा के बीच 47 किमी तीसरी लाइन की चुनौती पार


हबीबगंज-बरखेड़ा के बीच 47 किमी तीसरी लाइन बिछाने की सुपर क्रिटिकल परियोजना एक चुनौती थी. इस चुनौती को कोविड-19 अवधि के दौरान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. सुपर क्रिटिकल परियोजना की सफलता से रेलवे क्षमता में वृद्धि हुई है जिससे अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है. पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार का कहना है कि इस रेलखंड पर स्थित मध्य प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप का भी विकास होगा. उसके अलावा भोपाल और हबीबगंज के प्रमुख स्टेशनों से ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान के लिए प्लेटफार्म की उपलब्धता बढ़ जाएगी. इस तरह ये रेलखंड अब हमारे देश के सभी दिशाओं से रेल संपर्क प्रदान करेगा.


यात्री सुविधाओं के साथ विकसित कर स्टेशनों को मिला नया रूप


हबीबगंज-बरखेड़ा तीसरी लाइन परियोजना की कई मुख्य विशेषताएं हैं. हबीबगंज-बरखेड़ा तीसरी लाइन भोपाल-इटारसी रेलखंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. तीसरी लाइन की परियोजना के साथ विद्युतीकरण कार्य को 491 करोड़ रुपये की लागत से अंजाम दिया गया है. इस रेलखंड पर 6 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें सभी प्रमुख क्रॉसिंग स्टेशन हैं. सभी 6 स्टेशन भोपाल जंक्शन, हबीबगंज, मंडीदीप, मिसरोद, औबेदुल्लागंज, बरखेड़ा को प्लेटफॉर्म, फुटओवर ब्रिज और पुनर्निर्मित स्टेशन बिल्डिंग जैसी उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ विकसित कर नया रूप दिया गया है. इस खंड में महत्वपूर्ण 8 बड़े पुल, 45 छोटे पुल और 8 रोड ओवर ब्रिज हैं. इसके अलावा इस तीसरी लाइन रेल खंड पर 48 कर्व भी शामिल हैं.


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