MP News: कोरोना संक्रमण काल में भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न का मामला नहीं रुका. आंकड़ों के मुताबिक महामारी से जूझते देश में कुल 54587 शिकायतें राष्ट्रीय महिला आयोग को मिली. राष्ट्रीय महिला आयोग ने शिकायतों पर संज्ञान लिया और कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया. लेकिन मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग में शिकायतों की छटनी तक नहीं हो सकी.  


शिकायतों के मामले में मध्यप्रदेश का देश में छठा नंबर था. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 2020 और 2021 के बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की 1900 शिकायतें महिला आयोग तक पहुंची.


महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न का मामला


महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का दावा है कि लॉकडाउन में शिकायतों के लिए व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था. अलग-अलग राज्यों की पुलिस, राज्य विधिक प्राधिकरण के सहयोग से ऑनलाइन काउंसिलिंग और सहायता मुहैया कराई गई. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुनवाई और कार्रवाई के लिए राज्यों को आदेश भी जारी किया गया. लेकिन मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग में शिकायतों की छटनी तक नहीं हो सकी.


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राज्य महिला आयोग में शिकायतों की छटनी तक नहीं


वजह अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति का मामला कोर्ट में लंबित होना है. कांग्रेस शासनकाल में अध्यक्ष, समिति सदस्यों की नियुक्ति हुई थी. भाजपा की सरकार आने पर निरस्त कर दिया गया. अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति का मामला बाद में हाईकोर्ट चला गया. राज्य महिला आयोग में करीब 5 हजार शिकायतें लंबित हैं. अब महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की शिकायतों पर कार्रवाई का मामला खटाई में पड़ गया है. 


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