(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इंदौर में BJP नेता को जबरन थाने ले जाने पर 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड, 3 लाइन हाजिर
Indore News: इंदौर में बीजेपी मंडल अध्यक्ष मनोज पाटीदार को एक विवाद के बाद जबरन थाने ले जाने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही तीन अन्य को लाइन हाजिर किया गया.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में एक विवाद के बाद स्थानीय बीजेपी पदाधिकारी को जबरन थाने ले जाने के मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही तीन अन्य को लाइन हाजिर किया गया. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षक (एसपी) हितिका वासल ने सस्पेंशन और लाइन हाजिर करने के आदेश जारी किए.
महू थाने के प्रभारी संजय द्विवेदी ने बताया, नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ गुरुवार की शाम को कोडरिया गांव की अयोध्यापुरी कॉलोनी में निर्माणाधीन मंदिर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गए थे, जहां से उन्होंने पुलिस को बुलाया. इसके बाद सहायक उपनिरीक्षक (ASI) जयदेव गोरखेड़े कांस्टेबल योगेंद्र चौहान, कृष्णपाल मालवीय, सुखराम गिरवाल और विजय अंडेलकर के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.
इन लोगों पर हुई कार्रवाई
उन्होंने कहा, मंदिर पर बीजेपी मंडल अध्यक्ष मनोज पाटीदार अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर पहले से मौजूद थे और उनका किसी बात को लेकर पुलिस टीम से विवाद हुआ, जिसके बाद पुलिस ने मनोज पाटीदार को जबरन पुलिस वैन में बैठाया और थाने ले गई. इसी मामले में अब उन्होंने बताया कि योगेंद्र चौहान और कृष्णपाल मालवीय को निलंबित कर दिया गया है. जबकि एएसआई जयदेव गोरखेड़े और आरक्षक सुखराम गिरवाल और विजय अंडेलकर को डीआरपी लाइन्स, महू भेज दिया गया है.
क्या होता है लाइन हाजिर?
दरअसल अधिकतर हम पढ़ते हैं कि पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर किया गया, तो आइए जानते हैं कि लाइन हाजिर क्या होता है? दरअसल, पुलिस विभाग के अंदर जब कोई पुलिसकर्मी कोई लापरवाही करता है या फिर गलती करता है तो उसे विभाग के अधिकारियों द्वारा लाइन हाजिर कर दिया जाता है. यहां लाइन हाजिर का मतलब है कि उसे थाने से हटा कर यानी वह जहां ड्यूटी करता था वहां से हटा कर पुलिस मुख्यालय यानी पुलिस लाइन में भेज दिया गया.
इस दौरान ना तो पुलिसकर्मी से कोई बड़ा काम कराया जाता है. ना ही उसे किसी केस में इनवॉल्व किया जाता है. यानी पुलिस कर्मी पर लगे आरोप जब तक हट नहीं जाते वो किसी भी तरह का कोई आधिकारिक काम नहीं कर सकता है. हालांकि, पुलिसवालों का लाइन हाजिर छोटी मोटी गलतियों पर ज्यादा किया जाता है. जहां उनकी कोई बड़ी गलती सामने आती है तो उन्हें कई बार बर्खास्त भी कर दिया जाता है.
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