Ujjain News: केंद्र और प्रदेश सरकार केवल बड़े उद्योग की नहीं बल्कि छोटे उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए भी अपनी ओर से प्रयास कर रही है. इसी के तहत उज्जैन में डेढ़ करोड़ की लागत से छोटे उद्योगों की स्थापना के लिए अनुमोदन किया गया है. इस योजना का लाभ सैकड़ों परिवारों को मिलने के दावे किए जा रहे हैं.


कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने प्रशासनिक संकुल भवन में उद्योनिकी विभाग अंतर्गत संचालित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजनान्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों का अनुमोदन किया. उन्होंने प्रत्येक आवेदक से उनके खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापना के अनुभव और प्रसंस्करण करने वाले उत्पादों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई. 


कलेक्टर सिंह द्वारा मिल्क बेस्ड प्रोडक्ट, गेहूं बेस्ड प्रोडक्ट, नमकीन प्रोडक्ट्स, गेहूं बेस्ड प्रोडक्ट, मसाला प्रोडक्ट्स, आचार प्रोडक्ट्स, पापड़ मेकिंग, चिप्स एंड नमकीन, राइस बेस्ड प्रोडक्ट्स आदि के प्रसंस्करण इकाई स्थापना के लिए प्राप्त 27 आवेदनों का अनुमोदन किया गया जिसकी परियोजना लागत लगभग 1.59 करोड़ हैं. 


 छोटे उद्योग की पूरी कार्य योजना


कलेक्टर सिंह ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के लाभार्थी मुंजाखेड़ी के गोविंद कुमावत की इकाई श्री खेड़ापति नमकीन और उज्जैन के धर्मेंद्र वाडिया के सोया पनीर उत्पाद का अवलोकन किया और बेहतर कार्य के लिए सराहना की. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि छोटे उद्योगों की प्रति भी लोगों का आकर्षण बड़ा है.


सरकार देती है सब्सिडी- कलेक्टर 


कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि बड़े उद्योगों के साथ-साथ छोटे उद्योगों का भी अपना अलग महत्व है. छोटे उद्योग की स्थापना करने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा योजना के तहत बैंक को ऋण देने के लिए अपनी ओर से दस्तावेज भेजे जाते हैं. इसके अलावा सरकार की ओर से ब्याज की सब्सिडी भी इसमें दी जाती है. उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कदम है, इसलिए वे खुद ही इन उद्योगों की स्थापना के लिए बैठक लेकर उसका क्रियान्वयन करवाते हैं.


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