Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का इंदौर (Indore) शहर में वैसे तो खाने की चीजें काफी फेमस है, लेकिन सराफा के जोशी दहीबड़ा हाउस का दहीबड़ा सबसे फेमस है. इसे खाने के साथ साथ दहीबड़ा को बनाते समय जिस तरह से उछाला जाता है उसे देखने के लिए आज भी दिन हो या रात काफी भीड़ जमा हो जाती है. दरअसल, सबसे साफ शहर इंदौर को अपने जायके के लिए जाना जाता है. अगर स्वाद की बात होती है तो इंदौर की चौपाटी सराफा का नाम सबसे पहले आता है. अगर आप सराफा जाए और वहां का चर्चित दहीबड़ा न खाकर आए तो बेईमानी होगी. क्योंकि यहा का जोशी दही बड़ा हाऊस पर यूं तो कचोरी, समोसा, मिर्ची बड़ा व भुट्टा भी काफी चर्चित है, लेकिन यहां बनाया जाना वाला दही बड़ा सबको पीछे छोड़कर सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. इसे खाने के लिए इंदौर के अलावा प्रदेश के बाहर से भी लोग आते हैं.


सत्तर सालों से चल रही दुकान
जोशी दही बड़ा हाउस के संचालक ओम प्रकाश जोशी ने बताया कि यह दुकान पिछले सत्तर सालों से हमारे पिता व दादा के समय से संचालित की जा रही है. यह दुकान पहले एक चबूतरे पर हुआ करती थी जहां शुरुआत में कचोरी, समोसा व मिर्ची बड़ा बनाया जाता था. उस समय एक आने में दो कचोरी बेची जाती थी. सबसे पहले दादा हिंदूराम ने इसकी शुरुआत की थी. दुकान का नाम हमारे पिता रामचंद्र जोशी कचोरीवाला के नाम पर रखा गया था. जब हमारे पिता रामचंद जोशी द्वारा दुकान संचालित की जाने लगी तो उनके द्वारा करीब 40 से 45 साल पहले गर्मी के सीजन में दही बड़े की शुरुआत की गई और वह लोगों को खूब पसंद आया. जब दही बड़ा ज्यादा चर्चित हुआ तो दुकान का नाम बदलकर बदलकर जोशी दही बड़ा हाऊस रख दिया गया जो आज भी कायम है. रमेशचंद्र के बाद दो बेटे खुद ओमप्रकाश जोशी व हंसराज दुकान को चलाते हैं.


कैसे बनाते हैं दही बड़ा?
वहीं ओमप्रकाश जोशी ने बताया कि दही बड़े को करीब 1965 से बनाया जा रहा है. इसकी कीमत महज 40 पैसे हुआ करती थी, लेकिन जैसे जैसे समय के साथ महंगाई बढ़ती गई वैसे वैसे दही बड़े की कीमत भी बढ़ती गई. वहीं आज दही बढ़े की कीमत 70 रुपये हो गई है. लेकिन दही बड़े को खाने के लिए ठेठ इंदौरी आज भी लाइन लगाकर खड़े होते है. हालांकि, बाजारों में मिलने वाले दही बड़े से इसका आकार व वजन बड़ा होता है. इसका वजन करीब 300 ग्राम का होता है. दही बड़े कैसे बनता है यह बताते हुए बताया कि सबसे पहले मूंग दाल को दो घंटे गलाकर अपने हाथों से पीसने के बाद उसे अच्छे से फेंटकर बड़े का आकार दिया जाता है. इसके बाद इसे गर्म तेल में तलकर तैयार किया जाता है और फिर नमक के पानी में रखते है. इसके बाद एक दोने में सबसे पहले दही बड़े को चुरकर डाला जाता है. जिसके बाद उसपर दही डालकर इमली की चटनी खट्टी मीठी डालकर फिर मसाला डाला जाता है. 


मसालों की जादूगरी
इसमें पड़ने वाला मसाला बाजार से नहीं लाते हुए उसे घर में ही तैयार किया जाता है. इसमे नमक, लाल मिर्च, काली मिर्च, जीरा और अजवाइन डाला जाता है जिसे मैजिक मसाले का नाम दिया गया है. क्योंकि जिस तरह से दही बड़े पर मसाले को डाला जाता है वह अपने आप में अनूठा है, क्योंकि सभी मसाले को एक साथ अपने हाथों में लेकर डालते है और जिसका वह नाम लेते हैं केवल वही मसाला उसमें गिरता है. दूसरा मसाला बाहर नहीं आता जिसे देख लोग अचंभित रह जाते हैं. वहीं दहबड़ा खाने आने वाले महाराष्ट्र जलगांव के राजेंद्र तौरानी का कहना है कि पिछले 15 सालों से वह जब भी इंदौर आते हैं तो वह दही बड़े को खाने के लिए जरूर आते हैं. जैसा नाम सुना था वैसा ही इसका स्वाद भी है इसके साथ ही जो हवा में उछालते हुए दही बड़े ये लोग बनाते हैं यह पहले कहीं भी नहीं देखा. 



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