MBBS study In Hindi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने एक इच्छा जताई थी कि देश में मेडिकल की पढाई हिन्दी में हो. मध्य प्रदेश पीएम मोदी की इच्छा पूरी करने वाला पहला राज्य बन गया. राज्य में अब मेडिकल की पढाई अपनी मातृभाषा हिन्दी में भी होगी. लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित हिन्दी में एमबीबीएस की किताबों का विमोचन करने देश के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पहुंचे. उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को बधाई और स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग (Vishvas Sarang) को साधुवाद किया.


कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोपहर 12.35 बजे हिन्दी में एमबीबीएस की किताबों का विमोचन किया. कार्यक्रम के दौरान मंच पर केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग, ग्रहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.


सारंग ने 97 डॉक्टर्स को दिया श्रेय


कार्यक्रम को शुरुआत में उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा को पूरा करने के लिए हमें सीएम शिवराज सिंह चौहान से अहम सहयोग मिला. उनके प्रयासों से ही आज हम देश के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा सके. सारंग ने हिन्दी में एमबीबीएस की पढाई को लेकर पूरा श्रेय 97 डॉक्टर्स की टीम को दिया. सारंग ने कहा कि इस कठिन काम को करने में हमने बाहर के डॉक्टर विशेषज्ञों की मदद नहीं ली, बल्कि हमारे के यहां के ही डॉक्टर्स ने इस कठिन काम को कर दिया. सारंग के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया. 


'एमपी ने पीएम की मंशा साकार किया'


गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि देश में मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य बना जिसने पीएम की मंशा को साकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देने के साथ ही शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का साधवाद करता हूं. कार्यक्रम के दौरान शाह ने विद्यार्थियों से मुठ्ठी बंद करवाकर भारत माता की जय के नारे लगवाए. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जब भी इतिहास लिखा जाएगा, मध्य प्रदेश का आज का यह दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.


सीएम का संबोधन


इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि मेरे बच्चों, मैं जानता हूं कि हिंदी माध्यम के बच्चे मेडिकल में एडमिशन प्राप्त कर लेते थे लेकिन अंग्रेजी ठीक से नहीं जानने के कारण उन्हें पढ़ाई कई बार बीच में छोड़नी पड़ती थी. उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा, इस गुलामी से मुक्ति का मार्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खोला है. उन्हीं की प्रेरणा से हम हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करने जा रहे हैं.


आज पूरा मध्य प्रदेश आह्लादित है, प्रसन्न है और मेरा तो रोम-रोम खिला हुआ है. एक संकल्प पूरा हो रहा है और एक सपना साकार हो रहा है. हम शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से पूरी तरह से मुक्त करेंगे. जिन्हें पढ़ना है पढ़ें, लेकिन बाध्यता किसी तरह की नहीं रहेगी. इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक की शिक्षा भी हिंदी में होगी. उन्होंने कहा कि इस साल 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों और 6 पॉलिटेक्निक कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई प्रारंभ होगी.


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