MP News: मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है,जहां स्कूलों में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" (AI) की पढ़ाई की जाएगी. पिछले दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने एजुकेशन फॉर ऑल स्कूलों में प्रारंभ किए गए "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" विषय की कक्षा 8वीं और कक्षा 9वीं की पुस्तकें भी जारी कर दी हैं.
53 स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय किया गया है प्रारंभ
मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित प्रदेश में कुल 53 स्कूलों में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" विषय प्रारंभ किया गया है. इसे फिलहाल कक्षा 8वीं और 9वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इन स्कूलों में 40 आधुनिक कंप्यूटर्स की इंटरनेट युक्त प्रयोगशाला भी स्थापित की गई हैं.राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" विषयक पुस्तकों का विमोचन करते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा में एआई पढ़ाने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है.
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
यहां बता दें कि दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है. यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है.सामान्य बोलचाल में बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है. इसके जरिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है और उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है. जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है. यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है.
सीबीएसई बोर्ड भी पढ़ाता है AI
इसके पहले केवल सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में एआई एक विषय के तौर पर इंट्रोड्यूज हुआ है. हालांकि सीबीएसई स्कूलों में ये केवल 12 घंटे के लिए बढ़ाया जाता है, जिस वजह से इसे एक विषय के तौर पर नहीं देखा जा सकता. जबकि एमपी बोर्ड की तैयारी है कि वे इसे 240 घंटे पढ़ाएंगे ताकि ये सब्जेक्ट के तौर पर स्थापित हो सके.