MP Assembly Ekection 2023: उमा भारती (Uma Bharti) से क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) नाराज हैं. दरअसल, एमपी की राजनीति में यह सवाल उमा भारती के एक बयान से उठ खड़ा हुआ है. उमा भारती ने सोशल मीडिया में लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी उनसे नाराज नहीं हो सकते हैं. ऐसा दुष्प्रचार मुझे नहीं बल्कि पीएम मोदी और बीजेपी को नुकसान पहुंचाने की बहुत ही गहरी चाल है. हालांकि, अभी यह पता नहीं चल सका है कि असल माजरा क्या है, लेकिन ये माना जा रहा है कि महिला आरक्षण बिल पर उमा भारती के पार्टी लाइन से बाहर जाकर दिए बयान से राजनीतिक चर्चा गर्म हुई. इसीलिए कहा जा रहा है कि पीएम मोदी पूर्व सीएम उमा भारती से नाराज हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर उमा भारती ने इस मामले में पांच ट्वीट किए हैं. अपने पहले ट्वीट में उमा भारती ने कहा" पीअम मोदी के बारे में कोई ऐसा महापापी ही सोच सकता है कि जिन कुछ सिद्धांतों पर मैं चली हूं, उससे पीएम मोदी मुझसे नाराज हो सकते हैं. ऐसा दुष्प्रचार मुझे नहीं बल्कि पीएम मोदी और बीजेपी को नुकसान पहुंचाने की बहुत ही गहरी चाल है." दूसरे ट्वीट में उमा भारती ने कहा कि, यह सच है कि मैंने अपनी इच्छाशक्ति से ही यह निर्णय लिये थे, तिरंगे के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ना, राम मंदिर आंदोलन में भाग लेना, 1996 में महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं का मामला तब उठाना जब कांग्रेस और भाजपा ओबीसी आरक्षण के विरोध में एक थे.
क्या कहा उमा भारती ने
वहीं तीसरे ट्वीट में उमा भारती ने कहा कि, 2019 से गंगा की यात्रा करते हुए गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए समाज और सरकार को उसकी जिम्मेदारी का स्मरण कराना. अगले ट्वीट में उमा भारती ने कहा कि मैंने मध्य प्रदेश में शराब वितरण नियंत्रण पर जो अभियान चलाया. मैं सीएम शिवराज सिंह की हमेशा चिर ऋणि रहूंगी कि उन्होंने हमारे सुझावों को कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर लागू किया. पांचवे और अंतिम ट्वीट में उन्होंने कहा कि, इन मुद्दों पर मैनें काम किया है. इन पर मेरी आस्था है. आगे भी मैं इन पर अडिग रहूंगी. बता दें उमा भारती ने 33 फीसदी महिला आरक्षण में ओबीसी वर्ग के लिए अलग से आरक्षण की मांग की है. इसके लिए वे लगातार मुखर होकर पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान दे रही हैं. उन्होंने भोपाल में ओबीसी नेताओं की एक बैठक करके महिला आरक्षण लागू होने तक अपना आंदोलन चलाने की बात कही है.