MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले अपनी कई मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अब चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए प्रयासरत हैं. भोपाल कलेक्टर द्वारा सभी अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगाने के बाद 250 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों ने चुनावी ड्यूटी रद्द कराने के लिए आवेदन दिए हैं. ड्यूटी रद्द कराने के लिए किसी ने बीमारी तो किसी ने कहा कि, साहब साली की शादी है, नहीं गया तो घर में क्लेश हो जाएगा.


दरअसल, भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने चुनावी ड्यूटी निरस्त और अवकाश स्वीकृत करने की जिम्मेदारी एडीएम प्रकाश सिंह चौहान, अंकित धाकरे, भूपेन्द्र गोयल और डिप्टी कलेक्टर मुनोव्वर खान को दी है. इन अफसरों के ऑफिस के बाहर अब चुनावी ड्यूटी रद्द कराने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की कतार लग रही है. महिलाएं अपने नवजात बच्चों को गोद में लेकर पहुंच रहीं हैं तो कई मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर पहुंचे. इन अफसरों के पास चुनावी ड्यूटी रद्द कराने के लिए अब तक 250 से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं. एडीएम भूपेन्द्र गोयल के अनुसार अवकाश की सूचना के संबंध में कई आवेदन आए हैं. हम उसका परीक्षण कराएंगे, जहां तक चुनाव ड्यूटी लगने के बाद अवकाश लेने का मामला है तो उसका भी परीक्षण कराया जाएगा. 


अफसरों के पास पहुंचे ये मामले


1- ऊर्जा विकास निगम की एक महिला कर्मचारी डिप्टी कलेक्टर मुनोव्वर खाने के कक्ष में पहुंची. उसने कहा कि, एडीएम मैडम ने उनके पास भेजा है. चुनावी परीक्षण के दौरान उसका टूर्नामेंट गोवा में होना है.


2- एक कर्मचारी ने कहा, रिजर्व दल में उसकी ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन जहां वह नौकरी करता है, वहां प्रधानमंत्री मिशन से जुड़े काम होते हैं. जिस पर अधिकारी ने कहा कि आचार संहिता के दौरान मिशन से जुड़े कोई काम नहीं होते, इसलिए जिस समय ड्यूटी पर बुलाएं आ जाना, अभी अपना आवेदन वापस लेकर जाओ. 


3- भारतीय मानक ब्यूरो के विभाग प्रमुख कलेक्ट्रेट पहुंचे और उनके साथ तीन वैज्ञानिकों की भी चुनाव ड्यूटी लगाई गई है. उन्होंने अधिकारी के सामने तर्क दिया कि, उनके स्टाफ को विदेशों में आना जाना पड़ता है. इसलिए उनकी और उनके स्टाफ की ड्यूटी निरस्त की जाए. अधिकारी ने कहा कि, विभागाध्यक्ष होने के नाते आपकी ड्यूटी निरस्त हो सकती है, लेकिन अन्य की नहीं.
 
4- एक अधिकारी ने चुनावी ड्यूटी निरस्त कराने एडीएम अंकिता धाकरे से कहा कि, चुनावी तारीख में उनकी साली की शादी है और उसमें जाना जरुरी है. धाकरे ने कहा कि शादी छोड़ दीजिए और चुनावी ड्यूटी कीजिए. यह सुनकर अधिकारी रुआसे हो गए और बोले की शादी में नहीं गया तो घर में क्लेश बढ़ जाएगा, जीना मुश्किल हो जाएगा. उनकी हालत देखकर एडीएम भी पसीज गईं और अधिकारी को अपना आवेदन लेकर डिप्टी कलेक्टर के पास जमा करने के लिए भेज दिया.



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