MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में भावी मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर या इंजीनियर का नाम आगे करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) साक्षर और बुद्धिजीवी वर्ग के सामने एक बड़ा विकल्प रख सकती है. इसे लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है. पार्टी पहले ही एलान कर चुकी है कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर उतरने वाली है. अब भावी मुख्यमंत्री का चेहरा सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने का दावा भी किया जा रहा है. 


मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2023 में आम आदमी पार्टी भी अपना भाग्य आजमाने जा रही है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने वाली है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि राजनीति में नकारात्मक और सकारात्मक दो प्रकार के विजन रहते हैं. नकारात्मक विजन में गुंडागर्दी, खरीद-फरख्त, धोखेबाजी, वादाखिलाफी होती है जबकि सकारात्मक राजनीति में शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं को लेकर उठाए गए उल्लेखनीय कदम शामिल हैं.  


इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और पंजाब के उदाहरण भी दिए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से भावी मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि अभी पार्टी का निर्णय आना बाकी है. पार्टी मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी घोषित करेगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी में हमेशा डॉक्टर, इंजीनियर और उच्च शिक्षित के साथ-साथ योग्य समाजसेवी और सेवाभावी लोगों को मौका मिलता है. इसलिए मध्य प्रदेश में आप डॉक्टर या इंजीनियर के चेहरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है. 


आम आदमी पार्टी किसे पहुंचाएगी नुकसान?
आम आदमी पार्टी के मैदान में उतर जाने के बाद अब सियासत और भी गर्मा गई है. अभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी किसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी? राजनीति के जानकार बताते हैं कि जिस पार्टी के पास सत्ता होती है हमेशा नई पार्टियां उन्हें अधिक नुकसान पहुंचाती है. इससे स्पष्ट है कि बीजेपी के लिए आम आदमी पार्टी कुछ सीटों पर मुश्किलें भी पैदा कर सकती है. उसी तरह कांग्रेस के लिए भी राह आसान नहीं होगी. 


आम आदमी पार्टी के लिए चुनौतियां
आम आदमी पार्टी अभी चुनाव को कम समय बचा होने के बावजूद पूरे मध्य प्रदेश में अपना संगठन मजबूत तरीके से खड़ा नहीं कर पाई है. मध्य प्रदेश के कई जिलों में तो आम आदमी पार्टी के पास कार्यकर्ता और नेताओं की बहुत अधिक कमी है. इसके अलावा उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी अभी पार्टी ने कोई गाइडलाइन तय नहीं की है. दूसरी तरफ बीजेपी और कांग्रेस पूरी तरीके से चुनावी समर में कूद गई है. आम आदमी पार्टी को जनता के बीच विश्वास जमाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू करना पड़ेगी. 


भावी मुख्यमंत्री को लेकर चुनावी शंखनाद
मिशन 2023 को लेकर सियासत का नया रूप देखने को मिल रहा है. इस बार भावी मुख्यमंत्री के दावे करते हुए चुनाव लड़े जा रहे हैं. जहां कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री तय कर दिया गया है, वहीं बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को ही अगले सीएम के रूप में प्रोजेक्ट किया है. अब आम आदमी पार्टी की बारी है.  


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