Madhya Pradesh Assembly Election 2023: चुनावी राज्यों में नेताओं की एक दल से दूसरे दल में उछल-कूद आम बात है. अब यही आयाराम-गयाराम का सिलसिला मध्य प्रदेश के चुनावी मौसम में भी देखने को मिल रहा है. टिकट नहीं मिलने से नाराज हो सागर के बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुकेश जैन (ढाना), बंडा से बीजेपी नेता सुधीर यादव और ब्यौहारी से कांग्रेस के पूर्व विधायक रामपाल सिंह ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. वहीं, भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद ही अलग पार्टी बनाने का नया रास्ता चुना है. त्रिपाठी ने दावा किया है कि चुनाव आयोग से उनकी विंध्य जनता पार्टी को मान्यता मिल गई है और अब वे इसके बैनर तले चुनाव लड़ेंगे.


यहां बताते चले कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पार्टी दफ्तर में भाजपा के सुधीर यादव, मुकेश जैन और कांग्रेस के रामपाल सिंह को सदस्यता दिलाई थी. दरअसल, सुधीर यादव ने कुछ दिन पहले ही भाजपा छोड़ दी थी. इनके पिता लक्ष्मीनारायण यादव सागर से सांसद रहे हैं. मुकेश जैन ने गुरुवार को भाजपा से इस्तीफा दिया था. वे लगभग 4 दशकों से भाजपा में अलग-अलग पदों पर रहे हैं. जबकि, पूर्व कांग्रेस विधायक रामपाल सिंह साल 2018 में ब्यौहारी सीट से चुनाव लड़कर तीसरे नंबर पर रहे थे.


इसी तरह पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है. बताया जाता है कि कुछ दिनों से रुस्तम सिंह और उनके बेटे कांग्रेस और बसपा दोनों के संपर्क में थे. राकेश सिंह मुरैना से टिकट चाह रहे थे, लेकिन बीजेपी ने रघुराज सिंह कंसाना को उम्मीदवार बना दिया है. वहीं, भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि चुनाव आयोग से उनकी विंध्य जनता पार्टी (VJP) को मान्यता मिल गई है. उन्हें गन्ने की फसल के साथ खड़े किसान का सिंबल मिला है. त्रिपाठी ने कहा कि मान्यता मिलने में देरी हुई है. इसलिए अब विंध्य और भोपाल की सीटों पर ही चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को बढ़ाकर तीसरे मोर्चे का रूप देंगे.


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