MP Assembly Election 2023: उज्जैन संभाग की सबसे हाई प्रोफाइल सीट उज्जैन दक्षिण से शिवराज सरकार के मंत्री मोहन यादव के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले अवधेश पुरी महाराज ने नामांकन भरने की बात से भी इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के संगठन मंत्री से उनकी बात हुई है, जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रवाद के मामले में वे भारतीय जनता पार्टी के साथ है.
धार्मिक नगरी उज्जैन में परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद से ही वे उज्जैन दक्षिण से टिकट मांग रहे थे. बीजेपी ने इस बार भी उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव को टिकट दिया है. इससे नाराज होकर परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने उज्जैन दक्षिण से निर्दलीय मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया था. उन्होंने साधु संतों की बैठक भी बुलाई, जिसमें चुनाव संबंधी रणनीति तैयार की गई. इन्हीं तैयारी के बीच रविवार को अवधेश पुरी महाराज ने सरेंडर कर दिया.
चुनाव लड़ने का विचार भी त्याग दिया है
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मोहन यादव के कार्यालय पहुंचकर मीडिया के सामने नामांकन भरने से ही इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी कुछ समय के लिए थी. अब वे किसी से नाराज नहीं है. उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 में चुनाव लड़ने का विचार भी त्याग दिया है. उल्लेखनीय है कि उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस ने चेतन यादव को मैदान में उतारा है. अब मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच है. कांग्रेस का भी कोई बागी इस विधानसभा सीट से फिलहाल मैदान में नहीं है.
प्रदेश संगठन मंत्री से हुई बात
अवधेश पुरी महाराज ने कहा कि उनकी प्रदेश के संगठन मंत्री हितानंद शर्मा से बातचीत हुई है. बातचीत के दौरान प्रदेश के संगठन मंत्री ने कहा कि वे उनकी सभी मांगों को मानने को तैयार है. विधानसभा चुनाव के बाद साधु संतों के मंशा के अनुरूप भारतीय जनता पार्टी विकास कार्य करेगी. अवधेश पुरी महाराज ने यह भी कहा कि वे जिन उद्देश्यों को लेकर चुनाव लड़ने का मन बना रहे थे. उन्हें पूरा करने का वादा संगठन मंत्री ने किया है. जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
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