MP Election 2023: भिंड में बीजेपी को एक और बड़ा झटका, वरिष्ठ नेता मुन्ना भदौरिया ने पार्टी को कहा अलविदा, इस पार्टी का थामेंगे दामन
MP Vidhan Sabha Chunav 2023: हाल ही में बीजेपी के पूर्व विधायक रसाल सिंह बीजेपी छोड़ कल ही बसपा में हुए शामिल हुए थे. बसपा ने उन्हें लहार विधानसभा से टिकट दिया है.
MP Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के एलान के बीच नेताओं की बगावत और नाराजगी का सिलसिला जारी है. इस बीच भिंड में भारतीय जनता पार्टी में नेताओं के लगातार हो रहे इस्तीफों से हड़कंप मचा हुआ है. जहां हाल ही में पूर्व विधायक रसाल सिंह बीजेपी को गुड बाय कहा था वहीं आज पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदौरिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि मुन्ना भदौरिया बसपा में शामिल हो सकते हैं.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी भिंड में भगदड़ को संभाल नहीं पा रही है. टिकिट नहीं मिलने से नाराज होकर अटेर से भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदोरिया ने आज मंगलवार (17 अक्टूबर) को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा को भेजे दो लाइन के पत्र में लिखा है कि,"विषयान्तर्गत निवेदन है कि मैं मुन्ना सिंह भदौरिया पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र प्रेषित कर रहा हूं. कृपया मेरा त्याग पत्र स्वीकार करने का कष्ट करें."
बसपा या सपा में हो सकते हैं शामिल
कहा जा रहा है कि मुन्ना सिंह भदौरिया जल्द ही बसपा या सपा का दामन थामकर चुनाव मैदान में उतर सकते है. वे बागी होकर शिवराज सरकार में मंत्री अरविंद भदौरिया की राहों में रोड़े अटका सकते है. कांग्रेस ने हेमंत कटारे को टिकट दिया है. मुन्ना सिंह भदौरिया 1990 और 1998 में बीजेपी से विधायक रहे हैं. वह बीज निगम के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं. वर्तमान में जिला टीकमगढ़ के प्रभारी थे.
रसाल सिंह ने छोड़ी थी पार्टी
भिंड जिले की लहार सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक रसाल सिंह रविवार (15 अक्टूबर) को बीजेपी छोड़ बसपा में शामिल हुए थे.बसपा ने रसाल सिंह को लहार विधानसभा से टिकट भी दे दिया है.यहां से बीजेपी अमरीश शर्मा को उम्मीदवार बनाया है.वर्ष 2018 की तर्ज पर लहार विधानसभा में 2023 का चुनाव होने जा रहा है.इस बार क्षेत्र के तीन दिग्गज नेता आमने-सामने है.रसाल सिंह और अम्बरीष शर्मा की पार्टी बदली है.यहां से कांग्रेस के दिग्गज लीडर डॉ गोविंद सिंह को पराजित करने बड़ी चुनौती है.
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