MP Election: क्या CM फेस के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर मंथन कर रही है BJP? एमपी कांग्रेस नेता ने किया ये दावा
MP Assembly Election 2023: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिता की सियासत और विरासत दोनों को आगे बढ़ाया है. कांग्रेस के जो नेता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के साथ थे, वे आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी साथ हैं.
MP Election 2023 BJP CM Face: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में भावी मुख्यमंत्री के लिए वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का नाम चर्चा में है. सिंधिया शायद ऐसे एकमात्र नेता हैं जो बीजेपी में कुछ ही महीना पहले कांग्रेस छोड़कर आए हैं. लेकिन इतने कम समय में उनका नाम सीएम पद के रूप में बार-बार सामने आ रहा है.इसके पीछे एक दो नहीं बल्कि कई ऐसे कारण हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति में दखलअंदाजी और पावर सेंटर को दर्शाते हैं.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी से ही मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार को एक बार फिर सत्ता संभालने का मौका मिला. इस बात को तो सभी जानते हैं लेकिन इस बात को जानना भी बेहद जरूरी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की राजनीति में वे चेहरा है जिनकी नाराजगी और रजामंदी से कई नेताओं की किस्मत बदल गई है.राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस में हमेशा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने टक्कर दी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर आ रहा है.
'शिवराज को हटाना बीजेपी की मजबूरी'
दरअसल, कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर मोर्चे पर फेल हो गए हैं,इसलिए उन्हें हटाना बीजेपी की मजबूरी हो गई है. साल 2018 में जिस चेहरे को जनता ने नकार दिया उसे फिर 2023 में कैसे जनता के बीच ले जाएं ? इस बात को लेकर बीजेपी में मंथन चल रहा है.इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा,बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा भी कई नाम हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद इस बार मुख्यमंत्री कमलनाथ ही बनेंगे.
भारतीय जनता पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भविष्य में मध्य प्रदेश की कमान सौंपकर एक तीर से कई निशाने भी एक साथ सकती है.उदाहरण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद पार्टी में कई बड़े नाम मुख्यमंत्री के रूप में सामने आते रहे हैं, मगर अंदरूनी तौर पर सभी एक दूसरे के खिलाफ भी हैं.ज्योतिरादित्य सिंधिया एक ऐसा नाम है जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रतिद्वंदी नेताओं की नाराजगी खत्म हो सकती है.
विरासत में मिली राजनीति
ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजनीति भले ही विरासत में मिली हो लेकिन उन्होंने लोकप्रियता के मामले में कई दिग्गज नेताओं को पछाड़ रखा है.ज्योतिरादित्य सिंधिया 15वीं लोकसभा में गुना से सांसद चुनकर आए थे. उन्हें मनमोहन सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भी बनाया गया.इसके बाद वे लोकसभा का चुनाव हार गए. लेकिन एक बार फिर मध्य प्रदेश में तख्तापलट होने के बाद जून 2020 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने गए.वो वर्तमान में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के रूप में भी हमेशा देखा जा रहा है.
पिता की सियासत को आगे बढ़ाया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिता की सियासत और विरासत दोनों को आगे बढ़ाने का काम किया है.कांग्रेस के जो नेता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया से जुड़े हुए थे, वे आज भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं.सिंधिया जब कांग्रेस में दो दशक की राजनीति छोड़कर बीजेपी में चले आए लेकिन किसी भी समर्थक नेता ने उनका साथ नहीं छोड़ा.आज भी मंत्री शिवराज सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत,डॉक्टर प्रभु राम चौधरी,तुलसीराम सिलावट,राजवर्धन सिंह दत्तीगांव,महेंद्र सिंह सिसोदिया,प्रद्युम्न सिंह तोमर और कई विधायक सिंधिया के एक ही इशारे पर कोई भी बड़ा कदम उठा सकते हैं.
सीएम से नाराज नेताओं को क्या है उम्मीद
मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान लगातार सफलतापूर्वक चौथी बार कार्य कर रहे हैं.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनता के बीच इतनी गहरी पकड़ है कि कोई भी नेता, राजनीतिक घटनाक्रम या कोई ताकत सीएम की जड़ों को हिला नहीं पाई.आज भी भारतीय जनता पार्टी में मध्य प्रदेश के सीएम के रूप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बीजेपी के नेता कोई विकल्प नहीं मानते हैं, मगर कई ऐसे नेता भी हैं जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नाराज हैं.
ऐसे नेताओं और विधायकों की संख्या भी कम नहीं है जिन्हें सरकार मंत्री नहीं बना पाई है.ऐसे कई नेताओं को उम्मीद है कि इस बार चुनाव के पहले या बाद सीएम का चेहरा बदल दिया जाएगा. इन्हीं उम्मीदों के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर आ रहा है.
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