MP Election 2023: भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को कांग्रेस ने बनाया मुद्दा, बीजेपी को है 'भीतरघात' का डर, पढ़ें इस सीट की सियासी कहानी
MP Elections 2023: उज्जैन की दक्षिण विधानसभा सीट पूरे संभाग की सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. इस पर कांग्रेस भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, तो वहीं बीजेपी को भीतरघात का खतरा है.
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. इस बीच उज्जैन संभाग (Ujjain Division) की सबसे महत्वपूर्ण उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर शिवराज सरकार के मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी मोहन यादव (Mohan Yadav) को कांग्रेस (Congress) के प्रदेश सचिव चेतन यादव (Chetan Yadav) कड़ी टक्कर दे रहे हैं. चेतन यादव ने विधानसभा क्षेत्र को भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से मुक्त बनाने का इरादा किया है, मगर वे खुद ही कांग्रेस के नेताओं के भीतरघात से शायद पूरी तरह वाकिफ नहीं है.
उज्जैन दक्षिण एकमात्र पूरे संभाग की ऐसी विधानसभा सीट है, जहां पर कांग्रेस नेताओं के बीच के झगड़े का फायदा हमेशा बीजेपी को मिला है. यदि साल 2013 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी. कांग्रेस के दो बड़े नेता जय सिंह दरबार (Jay Saingh Darbar) और राजेंद्र वशिष्ठ (Rajendra Vasisth) ने निर्दलीय फॉर्म भरकर इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शर्मा (Yogesh Sharma) की जमानत जब्त करवा दी थी.
भीतरघात की वजह से कांग्रेस को नुकसान
इसके बाद साल 2013 में जब चुनाव हुए, तब जय सिंह दरबार को कांग्रेस से टिकट मिला, उस समय भीतरघात की वजह से जयसिंह दरबार 8000 वोट से चुनाव हार गए. साल 2018 में जब राजेंद्र वशिष्ठ को टिकट मिला तो जय सिंह दरबार ने फिर निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी. जीतने वोट जयसिंह दरबार को मिले उतने ही 20000 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र वशिष्ठ हार गए. यहां पर लगातार दूसरी बार मोहन यादव जीत गए. हालांकि इस बार कांग्रेस का कोई भी बागी मैदान में नहीं है, मगर इस विधानसभा सीट पर इस बार भीतरघात की वजह से कांग्रेस को नुकसान हुआ है.
बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर
इस बार विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस का कोई बागी नहीं है. वहीं बीजेपी को भीतरघात का खतरा बना हुआ है. ऐसी स्थिति में दोनों के बीच कांटे की टक्कर है. बीजेपी के प्रत्याशी अनुभवी है और उनका तीसरा चुनाव है, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी चेतन यादव पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा उत्तर के रहने वाले हैं जबकि दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मोहन यादव का कहना है कि उज्जैन दक्षिण में कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं था.
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