Bhopal News: कांग्रेस के तत्कालीन नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की वजह से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) के लिए वरदान साबित हुआ ग्वालियर-चंबल क्षेत्र अब भाजपा (BJP) के लिए चुनौती बन गया है. सिंधिया की वजह से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल क्षेत्र की 34 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 26 सीटें मिली थी, जबकि भाजपा को केवल सात सीटों से ही संतोष करना पड़ा और भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई थी. तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं तो वे अब इसी क्षेत्र पर सबसे ज्यादा फोकस कर रहे हैं. भाजपा आलाकमान ने सिंधिया को इसी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए हैं. नतीजतन केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दिल्ली से दूरी बनाकर एमपी को अपना ठिकाना बना लिया है. दोनों ही नेता सप्ताह में दो बार एमपी में दस्तक दे रहे हैं. 


आठ जिले, 34 विधानसभा सीटें


ग्वालियर चंबल क्षेत्र के आठ जिलों में 34 विधानसभा सीटों में है. इनमें सात सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. जबकि अन्य सीटों पर भी अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता सीधे प्रभाव डालते हैं. साल 2018 के विधानसभा में इन सीटों पर कांग्रेस ने भारी प्रभाव दिखाया गया था. 34 सीटों में से कांग्रेस के खाते में 26 सीटें आ गई थी, नतीजतन 15 साल से मप्र की सत्ता में जमी जकड़ी भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था. कांग्रेस को यह सत्ता ग्वालियर चंबल क्षेत्र की वजह से ही मिली थी, इसमें कांग्रेस के तत्कालीन नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम रोल था. हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से कांग्रेस को सत्ता का सुख महज डेढ़ साल ही मिला और उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा था. 


दिग्गजों ने बनाया ठिकाना


मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव साल के अंतिम महीनों में होना है. 2018 की भांति ही 2023 में भी ग्वालियर चंबल क्षेत्र विधानसभा चुनावों के लिए निर्णायक साबित होगा. इन दोनों ही क्षेत्रों की जिन पर कृपा बरसेगी. वहीं पार्टी मप्र का सुख भोग सकेगी. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इन क्षेत्रों पर फोकस कर रही है. भाजपा के दिग्गज व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने तो अब दिल्ली से दूरी बनाकर ग्वालियर चंबल क्षेत्र को ही अपना ठिकाना बना लिया है. ज्योरादित्य सिंधिया व नरेन्द्र सिंह तोमर सप्ताह में दो बाद मप्र का दौरान कर इन क्षेत्रों में अपनी पेठ बनाने का प्रयास कर रहे हैं.


पांच मंत्री, सभी लगे काम पर


बता दें कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र अहम होने की वजह से ही शिवराज सरकार के मंत्री मंडल में ग्वालियर चंबल क्षेत्र से पांच लोग मंत्रीमंडल में शामिल हैं. आगामी चुनावों को देखते हुए भाजपा हाईकमान ने इन मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जमीन मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके अतिरिक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी इसी क्षेत्र से आते हैं. कुल मिलाकर भाजपा के सभी दिग्गज साल 2023 के विधानसभा चुनाव में जुट गए हैं.


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