MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कमलनाथ (Kama Nath) और कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए कहा है कि अभी शादी भी तय नहीं हुई है और लोग शेरवानी पहन कर घूमने लग गए हैं. दूसरी तरफ कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा है कि हम कोई झूठ की मशीन नहीं हैं.


मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी कुछ महीनों का वक्त बचा है लेकिन अभी से आरोप-प्रत्यारोप और वाक युद्ध का दौर तेजी से चल पड़ा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक दूसरे पर आरोप लगाने में बिल्कुल नहीं चूक रहे हैं. कमलनाथ ने हाल ही में मंदसौर की पिपलिया मंडी में आम सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी के सरकार में किसानों पर गोलियां चलाई गईं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल किसानों के खिलाफ कई फैसले लिए गए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंदसौर में किसान हत्याकांड की जांच रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.


दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा है कि जब चुनाव आते हैं, तब कांग्रेस को मंदसौर की याद आती है. कांग्रेस लाश पर राजनीति करने की आदी है. मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल किया कि इतने साल तक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंदसौर क्यों नहीं गए?


शेरवानी का जवाब गाल बजाने से दिया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में नेता कौन है ? यह बात समझ नहीं आ रही है कोई खुद को भावी मुख्यमंत्री बता रहा है तो कोई सीएम फेस को लेकर अलग बयान दे रहा है उन्होंने यह भी कहा कि अभी तो शादी विवाह तय नहीं हुआ है जबकि कुछ लोग शेरवानी पहन कर घूम रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बयान पर जवाब देते हुए कहा कि गाल बजाना और झूठ की मशीन को डबल स्पीड में चलाना मेरा काम नहीं है. कांग्रेस किसानों की सेवा के लिए राजनीति कर रही है. हमने किसानों से कर्ज माफी के जो वादे किए हैं वह पहले भी पूरे किए हैं और आगे भी पूरे करेंगे.


सूट-बूट से शेरवानी तक पहुंच गई राजनीतिक जंग
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में हारी हुई विधानसभा सीटों पर दौरा करते हुए बयान दिया था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए सूट सिलवा रखे हैं लेकिन शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं है. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, कैलाश विजयवर्गीय सहित पांच नेताओं के नाम बताए थे. सूट सिलवाने का कांग्रेस का बयान अब बीजेपी ने शेरवानी तक पहुंचा दिया है. आने वाले दिनों में राजनीतिज्ञ और कौन से रंग सामने आते हैं यह देखना दिलचस्प होगा.


किसान करते हैं मध्य प्रदेश के भाग्य का फैसला
मध्यप्रदेश में 70 फ़ीसदी आर्थिक व्यवस्था का बोझ कृषि पर है. एमपी को यदि कृषि प्रधान के साथ-साथ किसानों द्वारा बनाई जाने वाली सरकार का प्रदेश कहा जाए तो गलत नहीं होगा. एमपी में लगभग 70 फ़ीसदी विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षेत्रों की है. सत्ता की चाबी खेत खलियान से होकर गुजरती है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के करीब आते ही राजनीतिक पार्टियों का आकर्षण किसानों के वोट बैंक की ओर बढ़ जाता है. इसी के चलते हर बार किसानों का हितेषी बताकर राजनीतिक दल उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश करते हैं.


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