MP Election 2023: आचार संहिता लगते ही मध्य प्रदेश में चुनावी कार्यवाही शुरू, जानिए क्या हैं नियम और निर्देश?
MP Election 2023: चुनाव आचार संहिता लागू होते ही मध्य प्रदेश में संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू हो गई है. सरकारी स्थान से पोस्टर, होल्डिंग हटाए जा रहे हैं.
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: निर्वाचन आयोग ने जैसे ही चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए आचार संहिता लागू करने के आदेश दे दिए, वैसे ही मध्य प्रदेश के कई जिलों में ताबड़तोड़ संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू हुई. नगर पालिका निगम , नगर परिषद के माध्यम से सरकारी स्थान पर लगाए गए होर्डिंग हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई. चुनाव आयोग ने सभी नेताओं को 24 घंटे के अंदर अपने-अपने बैनर- पोस्टर हटाने का निर्देश दिया है.
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान किया जाएगा. इसके अलावा 3 दिसंबर को परिणाम सामने आएंगे. दिसंबर 2023 में नई सरकार मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो जाएगी. हालांकि निर्वाचन आयोग ने जैसे ही तारीखों का ऐलान किया, वैसे ही नियमों का सख्ती से पालन भी शुरू करवा दिया गया. मध्य प्रदेश के धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर आदि जिलों में संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई.
प्रचार प्रसार करना पड़ सकता है भारी
नगर निगम और अन्य स्थानीय निकाय के माध्यम से सरकारी खंभों पर लगाए गए पोस्टर को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. इसके अलावा शासकीय दीवारों पर पुताई का काम भी शुरू हो गया है. आचार संहिता के नियमों के मुताबिक अब बिना अनुमति सरकारी स्थान पर राजनीतिक प्रचार प्रसार करना भारी पड़ सकता है.
1 साल की सजा और 50000 का जुर्माना
यदि संपत्ति स्वामी की इजाजत के बिना कोई भी व्यक्ति उसे पर शाही, पोस्टर आदि से कुछ भी अंकित करता है तो ऐसी स्थिति में संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. इस मामले में आरोप सिद्ध हो जाने पर 1 साल की सजा या 50000 रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है. चुनाव आचार संहिता के दौरान संपत्ति निरूपण अधिनियम का काफी गंभीरता से पालन कराया जाता है.
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