MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 अब अंतिम चरणों में जा पहुंचा है. प्रदेश में 15 नवंबर से चुनावी शोरगुल पूरी तरह बंद हो जाएगा और 17 नवंबर को मतदान की तारीख तय है. ऐसे में राजनीतिक दल के प्रत्याशी डोर टू डोर ग्रामीण क्षेत्रो में मतदाताओं से जीवंत संपर्क बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते हैं. इस बार सीहोर विधानसभा का चुनाव बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. भोपाल (Bhopal) संभाग की सीहोर (Sehore) सीट पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है.
भोपाल संभाग की सीहोर सीट पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है. एबीपी न्यूज की टीम ने यहां शुक्रवार को करीब दो घंटे शाम को राजनीतिक दलों के प्रचार अभियान को शहर से लेकर गांव तक टटोला, जिसकी बानगी यह है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवर धनतेरस जैसे त्यौहार को छोड़कर चुनावी मैदान में प्रचार करते हुए दिखे. पता यह भी चला कि कांग्रेस प्रत्याशी शशांक सक्सेना के पैर में छाले हैं और उन्हें दो दिनो से बुखार भी, फिर भी वह गांव की पगडंडियों पर चलकर प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं.
प्रत्याशी लगा रहे पूरा दम
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख निकट है और इधर दीपावली जैसे त्योहार का मौसम चल रहा है. आम और खास इस समय जहां त्यौहार की तैयारियों में जुटे हुए हैं, तो वहीं चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी इस त्यौहार के मौसम में भी अपनी जीत के लिए पूरी दमखम लगा रहें हैं. 15 नवंबर को प्रचार अभियान थम जाएगा और इन दिनों दीपावली जैसा महत्वपूर्ण त्यौहार चल रहा है. ऐसे में प्रत्याशियों को दीपावली के बाद केवल तीन दिन शोरगुल भरे जनसंपर्क के लिये मिलेंगे.
कांग्रेस प्रत्याशी शशांक सक्सेना ने क्या कहा?
शुक्रवार को त्यौहारी मौसम में विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के जनसंपर्क अभियान को एबीपी न्यूज की टीम ने शाम के समय करीब दो घंटे शहर से लेकर गांव तक करीब से देखा. बीजेपी प्रत्याशी सुदेश राय ने धनतेरस के दिन शुगर फैक्ट्री चौराहे से मंडी क्षेत्र में अपना जनसंपर्क किया. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी शशांक सक्सेना का जनसंपर्क अभियान श्यामपुर से लगे निकट ग्रामो में देर रात तक देखा गया. जनसंपर्क अभियान के दौरान ग्राम हिंगोनी में कांग्रेस प्रत्याशी शशांक सक्सेना से मुलाकात हुई और जब पता चला कि उनके पैर में छाले पड़े हैं और बुखार भी है. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान शंशाक सक्सेना ने बताया कि चुनाव चुनौती है.
शशांक सक्सेना ने कहा "बेशक मुझे पैरो में छाले भी और बुखार भी, लेकिन युवा को चलना पड़ता है. कोई युवा इतना नहीं चल पाए तो किस बात का युवा है. उन्होने बातचीत में कहा कि रोजाना 15 गांव के दौरे कर रहा हूं. रात 10 बजे तक प्रचार अभियान जारी रहता है. उन्होंने कहा कि मेरे साथ भी चालीस साल का पिताजी से जुड़ा राजनीतिक अनुभव है, जिसे मैं लायब्रेरी मानता हूं उसे पढ़ रहा हूं और आगे बढ़ रहा हूं." इस दौरान हमारी क्षेत्र के ग्रामीण मतदाताओं से बात भी हुई. ग्रामीण मतदाता काफी मौन है और वो किसे वोट करेगा यह भी रहस्य बना हुआ है.