MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस ने कई सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. इसी के साथ ग्राउंड लेवल पर प्रत्याशियों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. दोनों पार्टियों की कैंडिडेट लिस्ट जारी होने के बाद से ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं. उम्मीदवार सूचियों को देखकर साफ जाहिर होता है कि राजनीतिक दलों ने जातिगत समीकरण, युवाओं, महिलाओं आदि वोट बैंक को साधने के साथ-साथ उन सीटों पर भी फोकस किया है, जहां वे कमजोर हैं. इसके लिए कुछ नई रणनीतियां भी बनाई गई हैं. इसी बीच कांग्रेस की पहली लिस्ट में एक नाम ने सबका ध्यान खींच लिया. 


कांग्रेस के कद्दावर नेता और पिछोर से मौजूदा विधायक केपी सिंह की सीट पार्टी ने इस बार बदल दी है. इस बार केपी सिंह को शिवपुरी से टिकट दिया गया है. पिछोर सीट से 6 बार के विधायक का विधानसभा क्षेत्र बदलना कांग्रेस का बड़ा प्लान माना जा रहा है. क्योंकि हाल ही में ये अटकलें तेज हो गईं कि शिवपुरी सीट से बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतार सकती है. 


ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुकाबला कराने के लिए केपी सिंह की जरूरत?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के शिवपुरी से चुनाव लड़ने के कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि यहां से उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं और वो इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर चुकी हैं. ऐसे में सिंधिया परिवार से ही किसी को टिकट दिए जाने की संभावना जताते हुए राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है. वहीं, बीजेपी इस बार एमपी और राजस्थान में कई सांसदों को विधायकी का टिकट दे चुकी है. ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी से लड़ते हैं तो उन्हें हराने के लिए एक बड़े नेता की जरूरत होगी, इसलिए केपी सिंह को यहां से टिकट दिया गया.


केपी सिंह को पिछोर से हटाने की एक और संभावित वजह
इसके अलावा, एक कारण यह भी माना माना जा रहा है कि पिछोर सीट से 30 साल से विधायक रहे केपी सिंह की मुश्किलें बीजेपी ने बढ़ा दी थीं. बीजेपी ने काफी पहले ही पिछोर से प्रीतम लोधी के नाम का एलान कर दिया था. प्रीतम लोधी ने पिछले दो चुनाव लड़े और काफी कम अंतर से कांग्रेस से हारे. वहीं, पिछोर सीट लोधी बाहुल्य भी है, जहां करीब 40 हजार लोधी वोटर हैं. इस समीकरण पर ध्यान देते हुए बीजेपी ने तीसरी बार भी प्रीतम लोधी पर भरोसा जताया है. इतना ही नहीं, इस बार पिछोर में केपी सिंह के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी के आसार भी बन रहे हैं, जिस वजह से उनके हारने की आशंका के चलते कांग्रेस ने सीट बदल दी है.


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