Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेजी से बढ़ रही है. दोनों प्रमुख राजनीतिक दल, बीजेपी और कांग्रेस, यात्राओं के सहारे आम मतदाता के बीच पहुंचने की कोशिश में लगे हुए हैं. बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा चल रही है, जिसके जवाब में आज से मध्य प्रदेश में कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा शुरू करने जा रही है.


दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. यही कारण है कि दोनों दल फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं. बीजेपी ने जन आशीर्वाद यात्रा में पूरी ताकत झोंक दी है, इसमें सिर्फ प्रदेश ही नहीं केंद्रीय राजनीति के बड़े चेहरे भी हिस्सा ले रहे हैं. वह जगह-जगह पहुंचकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा दे रहे हैं. कांग्रेस पर लगातार हमले कर रहे हैं.


पार्टी की रीति और नीति बताएंगे नेता
दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से सात जगहों से जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत की जा रही है. इन यात्राओं की जिम्मेदारी कांग्रेस ने द्वितीय पंक्ति के नेताओं को दी है. वह अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों को पार्टी की रीति और नीति बताएंगे. साथ ही देश और प्रदेश की वर्तमान स्थिति का खुलासा भी करेंगे.


घर-घर पहुंचने की कोशिश
राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के चुनाव रोचक और कशमकश भरे होने वाले हैं. इस बात से दोनों राजनीतिक दल वाकिफ हैं, लिहाजा उन्होंने मतदाताओं के बीच पहुंचने की रणनीति पर काम शुरू किया है. यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस यात्राओं के सहारे गांव-गांव, घर-घर पहुंचने की कोशिश में लगे हुए हैं.


ये नेता संभालेंगे कमान
कांग्रेस की तरफ से सात जन आक्रोश यात्राएं निकाली जाएंगी जिनमें पहली यात्रा गोविंद सिंह निकालेंगे जो कि 1600 किमी की होगी. दूसरी यात्रा अरुण यादव के नेतृत्व में निकलेगी 1700 किमी का सफर तय करेगी. वहीं तीसरी यात्रा कमलेश्वर पटेल निकालेंगे जो कि 1900 किमी की होगी. जबकि चौथी यात्रा अजय सिंह राहुल की लीडरशिप में निकलेगी जो कि 1400 किमी तक जाएगी. इसी तरह पांचवीं यात्रा सुरेश पचौरी के नेतृत्व में निकलेगी जो कि 1400 किमी का सफर तय करेगी. वहीं छठी यात्रा कांतिलाल भूरिया निकालेंगे जो कि 1700 किमी तक जाएंगे और सातवीं और आखिरी यात्रा जीतू पटवारी के नेतृत्व में निकलेगी जो कि 1700 किमी का सफर तय करेगी.


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