MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की हारी हुई सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) लगातार दौरा कर रहे हैं. हारी हुई सीटों की जिम्मेदारी सौंपे जाने के पीछे जवाब बड़ा ही रोचक है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की राजनीति के बड़े रणनीतिकार हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस की राजनीति के "राजा साहब" मतलब दिग्विजय सिंह इन दिनों पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हारी हुई सीटों पर सक्रिय हैं. कई ऐसी विधानसभा सीटें भी हैं जिस पर कांग्रेस पिछले कई चुनावों लगातार हारती चली आ रही है.


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों पर जीत को लेकर माइक्रो रणनीति तैयार करेंगे. हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों का लगातार दौरा कर दिग्विजय सिंह लोगों से बातचीत कर रहे हैं. विधानसभा सीट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बीजेपी को घेरने की कोशिश भी कर रहे हैं. 


10 साल तक कांग्रेस को दिलाई सत्ता


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने साल 1993 से 2003 के बीच 10 साल तक मध्य प्रदेश में कांग्रेस का परचम फहराया. 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलने पर दिग्विजय सिंह राजनीतिक वनवास पर चले गए. उनके वनवास पर जाते ही कांग्रेस का भी वनवास हो गया. जानकार मानते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कारण ही कांग्रेस को मध्य प्रदेश में सत्ता की कुर्सी मिली थी और एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं.


दिग्विजय सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ और युवा नेताओं संग राजनीति की है. उनकी पकड़ मध्य प्रदेश के सभी जिलों में है. 10 साल तक मुख्यमंत्री रहने वाले दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद से ही ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में हस्तक्षेप करने वाला कोई नहीं है. 


दोस्ती का कर्ज चुका रहे दिग्विजय


साल 1993 में मध्य प्रदेश विधायक दल का नेता चुना जाना था. उस समय कांग्रेस में माधवराव सिंधिया के अलावा कई और नाम भी सामने थे लेकिन कमलनाथ की वजह से दिग्विजय सिंह का नाम आगे आया. उस दौरान मध्य प्रदेश में ऐसे कई नेता केंद्र की राजनीति में भी सक्रिय थे. बावजूद इसके कमलनाथ की वजह से दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई. इसी दोस्ती का कर्ज चुकाने के लिए दिग्विजय सिंह भी पूरी ताकत लगा रहे हैं. 


 हारी हुई सीटों पर कोई खतरा नहीं


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. जानकार बताते हैं कि हारी सीट कांग्रेस की झोली में आने पर दिग्विजय सिंह का राजनीतिक कद ऊपर उठेगा. हारी हुई सीट एक बार फिर बीजेपी के खाते में चली जाती है तो उस दौरान आरोप-प्रत्यारोप का भी सवाल नहीं उठेगा. शायद इसी रणनीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों पर मेहनत कर रहे हैं. 


MP: मध्य प्रदेश में नर्सिंग परीक्षा पर रोक बरकरार, जानिए क्या है पूरा मामला, क्यों लगी रोक?